करण जौहर (Karan johar) Body Dysmorphia से जूझ रहे हैं। इस बीमारी में व्यक्ति अपनी उपस्थिति और शरीर की इमेज को लेकर काफी ज्यादा टेंशन में रहता है।
Karan Johar dysmorphia: करण जौहर जो एक मशहूर फिल्म प्रोड्यूसर है। लेकिन हाल ही में उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि मैं बॉडी डिस्मॉर्फिया' की परेशानी से जूझ रहा हूं। उन्होंने कहा कि यह बीमारी मुझे स्वीमिंग पूल में जाने से रोकती है। उन्होंने (Karan johar) बताया कि ऐसा नहीं है मैंने इससे छुटकारा पाने के कोशिश नहीं की कोशिश खूब की लेकिन मैं इससे छुटकारा नहीं पा सका। उन्होंने (Karan johar) बताया कि मेरे साइज से बड़े कपड़े पहनने की वजह यही बीमारी है। उन्होंने ने आगे बताया कि यह बीमारी मुझे हमेशा ऐसा फिल कराती है जैसे में मोटा हूं।
बॉडी डिस्मॉर्फिया (body dysmorphic) का प्रभाव व्यक्ति की मेंटल हेल्थ पर पड़ता है। इस बीमारी के कारण व्यक्ति अपनी उपस्थिति को लेकर काफी ज्यादा नेगेटिव होने लगता है। यह एक मानसिक स्वास्थ्य स्थिति होती है। इसको लेकर व्यक्ति अपने रूप-रंग में खामियों के बारे में चिंतित रहने लगता है। लेरिन यह खामियां दूसरे को नजर नहीं आती है। यह किशोरों और युवा वयस्कों ज्यादा देखा जाता है। इससे पुरुष और महिला दोनों प्रभावित हो सकते हैं।
बॉडी डिस्मॉर्फिक डिसऑर्डर (body dysmorphic disorder) के लक्षणों की बात की जाए तो इसमें व्यक्ति अपने बारे में काफी सोचने लगता है। वह जहां भी जाता है अपनी उपस्थिति और शरीर की इमेज को लेकर काफी ज्यादा टेंशन रहने लगता है। वह शरीर की बनावट को लेकर बार बार आईना देखने लगते हैं। वह ज्यादा सजने संवरने पर ध्यान देने लगते हैं। साथ ही कभी कभी ऐसा होता है कि वे कई घंटों तक खुद को देखते रहते हैं।
इस बीमारी के कारण आपकी रोजमर्रा की जिंदगी पर प्रभाव पड़ सकता है। आप खुद ही अपनी खामी गिनाने लगते हैं साथ ही अपने व्यवहार को लेकर काफी परेशान रहने लगते हो। इसलिए आप खुद को बेहतरीन दिखाने के लिए कपड़े, ज्लैवरी पर ज्यादा ध्यान देने लगते हैं। और दिमाग में बस एक सवाल रहता है मैं कैसा दिख रहा हूं। यदि आपके इलाज की बात करें या ठीक करने की बात करें तो इसे व्यवहार थेरेपी और दवा शामिल से ठीक किया जा सकता है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।