COPD एक ऐसी गंभीर बीमारी है जिसमें फेफड़े धीरे धीरे खराब होने लगते हैं जिससे सांस लेने की समस्या आने लगती है। World COPD Day हर वर्ष नवंबर के तीसरे बुधवार को मनाया जाता है।
World COPD Day : प्रतिवर्ष नवंबर के तीसरे सप्ताह पर ये World COPD Day मनाया जाता है। इसे मनाने के पीछे का कारण लोगों को सीओपीडी के बारे में जागरूक करना और इसके इलाज के बारे में जानकारी देना होता है। इस साल बुधवार 20 नवंबर का होने के कारण यह 20 नवंबर को मनाया जा रहा है। सीओपीडी फेफड़ों से जुड़ी एक गंभीर बीमारी होती है जो धीरे धीरे बढ़ने लगती है। इसके बीमारी के मुख्य रूप से दो कारण माने जाते हैं जिसमें वातस्फीति और क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस है।
वातस्फीति वह स्थिति होती है जिसमें जिसमें फेफड़ों के वायुकोष खराब होने लगते है जिसके कारण इंसान को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस में फेफड़ों की नलियों में सूजन आ जाता है और लगातार बलगम बनता है।
यह डे हर वर्ष नवंबर के तीसरे बुधवार को मनाया जाता है इस डे का उद्देश्य COPD (World COPD Day) जैसी गंभीर से पीड़ित लोगों को जागरूक कर उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए यह एक विश्व स्तर पर प्रयास होता है। इसे दुनिया भर के डॉक्टरों और सीओपीडी मरीजों के साथ ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव लंग डिजीज को लेकर शुरू किया गया था। इस दिन से हमें प्रेरणा मिलती है कि इस गंभीर बीमारी को रोका जा सकता है, लेकिन इसके लिए हमें सही मैनेजमेंट पर ध्यान देना जरूरी है।
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इसका पूरा नाम क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज जिसे अंग्रेजी में Chronic Obstructive Pulmonary Disease बोला जाता है। COPD (World COPD Day) में फेफड़ों पर फर्क पड़ता है जब यह स्थिति होती है तो फेफड़ों की नलियां समय के साथ संकरी होती चली जाती है। जिसके कारण फेफड़ों में हवा आना जाना कम होने लगता है। इसके साथ ही सांस लेने में समस्या, खांसी साथ ही सीने में जकड़न जैसी समस्या हो जाती है। यदि कोई इस परेशानी से जूझ रहा है तो उनके लिए रोजमर्रा के काम करना मुश्किल हो जाता है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।