Male Breast Cancer Cases: पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी का कारण बदलती लाइफस्टाइल, मोटापा, हार्मोनल असंतुलन और जेनेटिक फैक्टर माने जा रहे हैं। बस इसकी जानकारी और जागरूकता की कमी के कारण लोग इसके शुरुआती संकेतों को नजरअंदाज कर देते हैं।
Male Breast Cancer Cases: अक्सर ब्रेस्ट कैंसर को सिर्फ महिलाओं की बीमारी माना जाता है, लेकिन सच्चाई इससे अलग है। डॉक्टरों के मुताबिक, यह बीमारी लिंग या उम्र नहीं देखती। पुरुषों में भी यह कैंसर हो सकता है, बस इसकी जानकारी और जागरूकता की कमी के कारण लोग इसके शुरुआती संकेतों को नजरअंदाज कर देते हैं।
डॉ. वैशाली जामरे, डायरेक्टर एवं हेड, ब्रेस्ट कैंसर सेंटर, एंड्रोमेडा कैंसर हॉस्पिटल के अनुसार, अमेरिका के CDC (Centers for Disease Control and Prevention) के आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका में हर 100 ब्रेस्ट कैंसर मरीजों में से एक पुरुष होता है। यानी यह बहुत दुर्लभ है, लेकिन असंभव नहीं।
हाल ही में 42 साल के अमेरिकी शेफ मैट केली का मामला सामने आया, जिसने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया। केली बिल्कुल स्वस्थ जीवन जी रहे थे, लेकिन अक्टूबर 2024 में उन्हें अपने सीने में एक छोटी सी गांठ महसूस हुई। शुरुआत में उन्होंने इसे मामूली समझकर नजरअंदाज कर दिया, पर उनकी पत्नी के कहने पर वह डॉक्टर के पास गए। कुछ जांचों के बाद डॉक्टरों ने बताया कि केली को मेल ब्रेस्ट कैंसर है और वह भी एक तेजी से फैलने वाला रूप। क्रिसमस से ठीक दो दिन पहले उन्हें पता चला कि कैंसर उनके लिम्फ नोड्स और यहां तक कि रीढ़ की हड्डी तक फैल चुका है।
विशेषज्ञों के अनुसार, अगर पुरुष अपने शरीर में इन संकेतों पर ध्यान दें तो बीमारी को शुरुआती स्टेज में पकड़ा जा सकता है।छाती या बगल में कोई नई गांठ या सूजन महसूस होना। निप्पल से किसी तरल पदार्थ (जैसे खून) का निकलना। चेस्ट के आकार या त्वचा में बदलाव। निप्पल के आकार या दिशा में परिवर्तन। त्वचा पर घाव या अल्सर बनना।
पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी का कारण बदलती लाइफस्टाइल, मोटापा, हार्मोनल असंतुलन और जेनेटिक फैक्टर माने जा रहे हैं। आजकल पुरुषों में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर बढ़ रहा है, जो ब्रेस्ट टिश्यू को प्रभावित करता है। साथ ही अल्कोहल, धूम्रपान, कम शारीरिक गतिविधि, और अनहेल्दी डाइट भी जोखिम बढ़ा रहे हैं। कई मामलों में परिवारिक इतिहास या BRCA जीन म्यूटेशन भी जिम्मेदार पाए गए हैं। जागरूकता की कमी के कारण पुरुष शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे देर से डायग्नोसिस होता है और खतरा और बढ़ जाता है।
पुरुषों के पास भी थोड़े-बहुत ब्रेस्ट टिश्यू होते हैं, जिनमें कैंसर सेल्स विकसित हो सकती हैं। महिलाओं की तुलना में ये टिश्यू कम होते हैं, लेकिन उनमें मौजूद डक्ट्स (नलिकाएं) और ग्रंथियां कैंसर का कारण बन सकती हैं।
अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार, सभी ब्रेस्ट कैंसर मामलों में पुरुषों का प्रतिशत 1% से भी कम है। यही वजह है कि अक्सर पुरुष इस बीमारी के लक्षणों को पहचान नहीं पाते या देर से डॉक्टर के पास पहुंचते हैं। हालांकि शुरुआती जांच से इलाज आसान हो सकता है। इसलिए अगर किसी पुरुष को भी छाती या निप्पल के आसपास असामान्यता महसूस हो, तो इसे नजरअंदाज न करें। क्योंकि ब्रेस्ट कैंसर सिर्फ महिलाओं तक सीमित नहीं है।