Budhvar Ka Vrat : बुधवार व्रत (Budhvar Vrat) कब शुरू करें? जानें शुभ मुहूर्त (शुक्ल पक्ष का पहला बुधवार) और 21 व्रत करने की सही विधि। पाएं बुद्धि, ज्ञान और धन का आशीर्वाद। ॐ बुधाय नमः मंत्र का जाप करें।
Budhvar Ka Vrat : हिंदू पौराणिक कथाओं में वर्णित है कि सप्ताह का प्रत्येक दिन किसी न किसी देवता को समर्पित है। बुधवार (बुधवार) बुध ग्रह और बुध के स्वामी बुधदेव को समर्पित है। इस दिन, अधिकांश भक्त भगवान बुधदेव के साथ भगवान गणेश की भी पूजा करते हैं। भगवान बुधदेव (बुध ग्रह) का हिंदू पौराणिक कथाओं में एक प्राचीन स्थान है, क्योंकि सप्ताह के मध्य में एक विशेष दिन होता है। ज्योतिषियों के अनुसार, बुध को ग्रहों के मंत्रिमंडल में एक राजकुमार के रूप में माना जाता है।
पुराणों के अनुसार, हिंदू इस दिन व्रत रखते हैं और फल प्राप्त करने के लिए लगातार 21 बुधवार तक इस शुभ अनुष्ठान का पालन करना चाहिए।
ज्योतिषी और इस व्रत विधि के विशेषज्ञ मानते हैं कि बुधवार व्रत आरंभ करने का सबसे अच्छा समय किसी भी चंद्र मास के शुक्ल पक्ष का पहला बुधवार है। इस व्रत को कम से कम 21 बुधवार तक लगातार करना चाहिए।
बुध ग्रह मंत्र: ॐ बुधाय नमः
बुध ग्रह बीज मंत्र: ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः
बुध एक तेज गति वाला ग्रह है और हमारे सौरमंडल में सूर्य के सबसे निकट स्थित है। ज्योतिषीय रूप से यह ग्रह बुद्धि, ज्ञान, मन, विचार प्रक्रिया, धन, करियर में वृद्धि, व्यावसायिक विकास और सुख जैसे गुणों का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए, बुधवार का व्रत रखने से इन क्षेत्रों में फलदायी विकास होता है। भगवान गणेश की पूजा और बुधवार व्रत का पालन भी इन कारकों के अनुकूल होता है क्योंकि भगवान गणेश को बाधाओं का निवारण करने वाला) भी कहा जाता है।