हुब्बल्ली शहर में निर्माणाधीन फ्लाईओवर के कारण सड़कों की हालत बद से बदतर हो गई है। खासकर चेन्नम्मा सर्किल को केंद्र मानकर उड़ रही धूल ने आमजन का जीना दूभर कर दिया है। हालात को काबू में करने के लिए नगर निगम हर महीने करीब 3 लाख पानी छिड़काव पर खर्च कर रहा है, लेकिन इसके बावजूद धूल कम होने के बजाय लगातार बढ़ती जा रही है।
रोजाना करीब 80 हजार लीटर पानी धूल दबाने में खर्च हो रहा
धूल नियंत्रण के लिए नगर निगम की तीन स्प्रिंकलर गाडिय़ां और एक मिस्टिंग मशीन सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक प्रतिदिन 12 बार सड़क पर पानी का छिड़काव कर रही हैं। 3,000 लीटर क्षमता वाली तीन गाडिय़ां नौ-नौ चक्कर लगाती हैं, जबकि 8,000 लीटर की मिस्टिंग मशीन तीन बार स्प्रे करती है। इसके अलावा फ्लाईओवर निर्माण की जिम्मेदारी संभाल रही कंपनी भी दो वॉटर ट्रैक्टर और एक बड़े टैंकर से पानी का छिड़काव कर रही है। इस तरह रोजाना करीब 80,000 लीटर पानी धूल दबाने में खर्च हो रहा है।
पानी का छिड़काव स्थाई समाधान नहीं
नगर निगम अधिकारियों के अनुसार अगस्त के अंत से अब तक 1,200 से अधिक बार टैंकरों से पानी का स्प्रे किया जा चुका है। स्टाफ, डीजल और पानी मिलाकर प्रतिदिन लगभग 10 हजार का खर्च हो रहा है। निगम अधिकारियों का मानना है कि पानी का छिड़काव स्थाई समाधान नहीं है, तेज धूप में पानी कुछ ही मिनटों में सूख जाता है।
पैदल चलना भी मुश्किल
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि ओल्ड कोर्ट, चेन्नम्मा सर्किल, ओल्ड बस स्टैंड, बसववन और आसपास के इलाकों में पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। लोगों का कहना है कि फ्लाईओवर का काम मार्च 2026 तक पूरा होने की बात कही जा रही है, जबकि अभी करीब 30 प्रतिशत काम बाकी है। ऐसे में डेढ़ साल तक क्या आम जनता को धूल में ही जीवन बिताना पड़ेगा?