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जहां राजस्थान अपनी शाही परंपरा के साथ अब भी वेडिंग मैप पर शीर्ष पर है, वहीं कर्नाटक की यह आक्रामक और दूरदर्शी नीति आने वाले वर्षों में देश के डेस्टिनेशन वेडिंग बाजार का संतुलन बदल सकती है। अब मुकाबला सिर्फ किलों और हवेलियों का नहीं, बल्कि विविधता, अनुभव और नई पीढ़ी की पसंद का है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने टूरिज्म पॉलिसी 2024-29 के तहत इस नई रणनीति का खाका पेश किया था। इसके तहत कर्नाटक को दक्षिण भारत का सबसे बड़ा डेस्टिनेशन वेडिंग हब बनाने की दिशा में निर्णायक कदम उठाए जा रहे हैं। इस नीति के क्रियान्वयन के लिए 1,350 करोड़ रुपए का बजट तय किया गया था।
राजस्थान मॉडल बनाम कर्नाटक विजन
अब तक जैसलमेर, जोधपुर, जयपुर और उदयपुर के किले-हवेलियों में होने वाली शादियां देश-विदेश के उद्योगपतियों और फिल्मी सितारों की पहली पसंद रही हैं। कर्नाटक उसी मॉडल को चुनौती देते हुए विरासत, प्रकृति एवं आधुनिक सुविधाएं का नया फॉर्मूला सामने ला रहा है। कर्नाटक का दावा है कि जहां राजस्थान भव्यता का प्रतीक है, वहीं कर्नाटक विविधता का, जहां पहाड़, समुद्र, जंगल, कॉफी एस्टेट, वाइल्डलाइफ और वल्र्ड हेरिटेज साइट्स एक ही राज्य में उपलब्ध हैं।
शुरू होंगे स्किल ट्रेनिंग प्रोग्राम
कर्नाटक सरकार एक एकीकृत डिजिटल पोर्टल लॉन्च करने जा रही है, जहां फायर, पुलिस, टूरिज्म, लोकल बॉडी क्लीयरेंस से लेकर होटल, ट्रैवल और इवेंट बुकिंग तक सभी सेवाएं सिंगल-विंडो सिस्टम से मिलेंगी। इससे वेडिंग प्लानर्स और निवेशकों के लिए कर्नाटक कहीं अधिक आकर्षक बन जाएगा। साथ ही, होटल, इवेंट मैनेजमेंट और टूरिज्म सेक्टर के लिए स्किल ट्रेनिंग प्रोग्राम भी शुरू किए जाएंगे।
डेस्टिनेशन वेडिंग्स ने नया रोजगार सृजन
हुब्बल्ली के बिजनेसमैन गौतम बाफना मोकलसर कहते हैं, कर्नाटक का बेहतर मौसम, ऐतिहासिक धरोहर और पर्यटन की संभावनाएं इसे डेस्टिनेशन वेडिंग का नया हॉटस्पॉट बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ा रही हैं। राज्य में हम्पी, बदामी जैसी ऐतिहासिक और हेरिटेज साइट्स मौजूद हैं, जो शादियों को शाही और यादगार अनुभव में बदल सकती हैं। वहीं गोकर्ण, उडुपी क्षेत्र के समुद्र तट बीच वेडिंग के नए विकल्प पेश कर रहे हैं। शादी के बाद मेहमान आसपास के पर्यटन स्थलों की सैर भी आसानी से कर सकते हैं, जिससे वेडिंग के साथ-साथ टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा। कर्नाटक में डेस्टिनेशन वेडिंग्स को बढ़ावा मिलने से सिर्फ पर्यटन ही नहीं, बल्कि स्थानीय स्तर पर हजारों नए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। होटल, ट्रैवल, इवेंट मैनेजमेंट, फोटोग्राफी, कैटरिंग और हस्तशिल्प जैसे क्षेत्रों में स्थानीय युवाओं को सीधा लाभ मिलेगा।
कर्नाटक में यह बन रहे विशेष वेडिंग जोन
Published on:
19 Dec 2025 05:29 pm
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