धारवाड़ लोकसभा सीट पर भाजपा के प्रल्हाद जोशी जहां पांचवी बार जीत हासिल करने को लेकर मैदान में उतरे हैं वहीं कांग्रेस के विनोद असूति मुकाबले को कड़ा करने में जुटे हैं।
जोशी के लिए प्रभावशाली लिंगायत संत दिंगेश्वर स्वामी जीत की राह में रोड़ा बने हुए हैं। दिंगेश्वर ने पहले निर्दलीय परचा भरा था और बाद में नामांकन वापस ले लिया था। अब वे जोशी की लगातार खिलाफत कर रहे हैं। खासकर लिंगायत समुदाय से वे बार-बार इस बात की अपील कर रहे हैं कि इस बार जोशी को वोट नहीं करें। असूति कुरुबा समुदाय से आते हैं। असुति दलित, पिछड़े एवं अल्पसंख्यक वोटों को अपनी झोली में करने के लिए मजबूती से डटे हैं। पिछले ढाई दशक में यह पहला अवसर है जब कांग्रेस किसी गैर-लिंगायत उम्मीदवार के साथ निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा को चुनौती देने उतरी है। कांग्रेस को इस बार ब्राह्मण एवं लिंगायत वोटों में सेंध लगाने की उम्मीद है।
शहरी मतदाताओं पर ध्यान केन्द्रीत
पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में जहां चार विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा ने जीत हासिल की वहीं कांग्रेस ने भी चार सीटों पर कब्जा जमाया। शहरी क्षेत्र में करीब 41 फीसदी मतदाता है। दोनों दलों का शहरी मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। हुब्बल्ली-धारवाड़ मध्य से भाजपा विधायक महेश टेंगिनकाई एवं हुब्बल्ली-धारवाड़ पश्चिम से विधायक अरविन्द बेलड़ जहां जोशी की जीत के लिए जोर लगा रहे हैं वहीं हुब्बल्ली-धारवाड़ पूर्व से कांग्रेस विधायक प्रसाद अब्बय्या कांग्रेस उम्मीदवार के लिए प्रचार में जुटे हुए हैं।
भाजपा मोदी फैक्टर के भरोसे
धारवाड़ विधायक विनय कुलकर्णी के जिले में प्रवेश पर रोक के चलते उनकी पत्नी शिवलीला कुलकर्णी कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में डटी हुई है। हालांकि विनय कुलकर्णी हावेरी जिले के शिगांव क्षेत्र में प्रचार कर रहे हैं। यह क्षेत्र धारवाड़ लोकसभा क्षेत्र में आता है। कलघटकी एवं नवलगुंड में कांग्रेस मजबूत स्थिति में दिख रही है। यहां का नेतृत्व जिला प्रभारी मंत्री संतोष लाड एवं एन.एच. कोनारडी के पास है। कांग्रेस को अपनी गारंटी योजनाओं से आस बनी हुई हैं तो भाजपा को मोदी फैक्टर से उम्मीद बनी हुई है।