हुबली

राजेश्वर भगवान का मंदिर बनकर तैयार, जल्द होगी प्रतिष्ठा

आंजणा पटेल समाज सेवा ट्रस्ट होसपेट: तीन मंजिला राजेश्वर भवन बनाया, मंदिर व भवन के आसपास फूल व फलदार पौधे लगाए

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राजेश्वर भवन

कर्नाटक के विजयनगर जिले के होसपेट में राजेश्वर भगवान का मंदिर बनकर तैयार है। जल्द ही शुभ मुहूर्त में प्रतिष्ठा करवाई जाएगी। मंदिर के साथ ही तीन मंजिला राजेश्वर भवन भी बनाया गया है। तीन मंजिले राजेश्वर भवन में दो बड़े हॉल एवं 22 कमरे बनाए गए हैं। भवन एवं मंदिर के आसपास कई फूल एवं फलदार पौधे लगाए गए हैं। करीब 32 हजार स्क्वायर फीट परिसर के अन्दर भवन व मंदिर बनाया गया है। आंजणा पटेल समाज सेवा ट्रस्ट होसपेट की देखरेख में मंदिर एवं भवन का संचालन किया जाएगा।

मार्बल के पत्थर से बनाया मंदिर
समाज के भवन का भूमि पूजन 2015 में हुआ था। मंदिर का भूमि पूजन वर्ष 2018 में हुआ और अब मंदिर भी बनकर तैयार हो गया है। मंदिर राजस्थान के मार्बल पत्थर से बनाया गया है। मंदिर में राजेश्वर भगवान की 27 इंच की मार्बल की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। वहीं मुख्य प्रतिमा के पीछे भगवान राधा-कृष्ण की प्रतिमा होगी। मंदिर की तीन दिशाओं में धर्मराजा, वरुण देवता एवं कुबेर देवता की प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी। इसके साथ ही मंदिर परिसर में गजानन एवं हनुमान की प्रतिमाएं भी होंगी। मंदिर के मुख्य द्वार पर मकराना के पत्थर से निर्मित दो गजराज होंगे।

आंजणा समाज के 75 परिवार
होसपेट में चौधरी आंजणा समाज के 75 परिवार निवास कर रहे हैं। समाज के देवाराम चौधरी जहां 1982 में होसपेट आए वहीं जोधाराम चौधरी वर्ष 1988 में होसपेट आए। इसके बाद से समाज के लोगों का होसपेट आने का सिलसिला लगातार बना हुआ है। अधिकांश परिवार राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र से हैं। समाज के लोग यहां विभिन्न व्यवसाय में लगे हुए हैं।

होली पर ढूंढोत्सव
समाज की ओर से हर साल दो बड़े आयोजन किए जाते हैं। इनमें राजाराम महाराज के जन्म दिवस तथा पुण्य दिवस पर जागरण एवं धार्मिक-सामाजिक आयोजन रखा जाता है। होली के अवसर पर स्नेह मिलन एवं ढूंढोत्सव का आयोजन भी किया जाता है। दीपावली स्नेह मिलन भी रखा जाता है। महाशिवरात्रि के अवसर पर समाज की महिलाएं लूर का आयोजन रखती है।

परिसर में लगाए पेड़-पौधे
आंजणा पटेल समाज सेवा ट्रस्ट होसपेट के अध्यक्ष जोधाराम चौधरी बूरड़ ने बताया कि समाज का भवन एवं राजेश्वर भगवान का मंदिर बनकर तैयार हो गया है। जल्द ही शुभ मुहूर्त में मंदिर की प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होगा। मंदिर परिसर में नींंबू, चीकू, जामुन, आम समेत अन्य किस्मों के पौधे लगाए गए हैं। इससे परिसर हरा-भरा रहने के साथ ही अच्छा वातावरण बना रहेगा।

Updated on:
15 Dec 2024 11:24 am
Published on:
15 Dec 2024 11:23 am
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