हुबली

गर्मी में ज्यादा इस्तेमाल होने वाले खीरा, नींबू, गाजर के भाव आसमान पर, बारिश की कमी के कारण फसल उम्मीद के मुताबिक नहीं

एक तरफ सूखे के हालात तो दूसरी तरफ फल एवं सब्जियों के भाव आसमान पर है। बाजार में मांग के अनुरूप आपूर्ति नहीं होने के कारण आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ गई हैं। फल और सब्जियों के दाम जनता को सूरज की तरह झुलसा रहे हैं। बारिश की कमी और पानी की कमी के कारण फसल उम्मीद के मुताबिक नहीं हुई है। जैसे-जैसे धूप की मात्रा बढ़ रही है, फलों, सब्जियों की कीमत दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। गर्मी में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले खीरा, नींबू, गाजर के दाम बढ़ गए हैं। तीन नींबू 20 रुपए में बेचे जा रहे है।

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फल का छिलका दो दिन में ही काला पड़ रहा
इस बार पानी की कमी के कारण फसल की पैदावार गिर गई है। सब्जी व्यापारियों का कहना है कि मांग की आधी आपूर्ति हो जाने के कारण दाम में बढ़ोतरी हुई है। गर्मियों में केला सबसे ज्यादा बिकता है। इलायची केला 60 से 80 रुपए प्रति किलो, जवारी केला 30 से 40 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। केला धूप में जल्दी पक जाता है और फल का छिलका दो दिन में ही काला पड़ जाता है।

ग्रामीण इलाकों पर भी असर
सब्जियों की कीमत में बढ़ोतरी का असर ग्रामीण इलाकों पर भी पड़ा है। अधिकांश सब्जियां ग्रामीण क्षेत्रों में उगाई जाती हैं, इसलिए शहरों की तुलना में गांवों में कीमतें कम थीं। हालांकि, इस बार बारिश के कारण पानी की कमी हो गई और ज्यादातर फसलें खराब हो गईं। फलों के राजा आम की कीमत इस बार पिछली बार की तुलना में बढ़ी है. सेब लगभग 200 रुपए प्रति किलो बिक रहा है, जबकि आम 300 से 600 प्रति दर्जन बिक रहा है। कई व्यापारी सड़कों के किनारे अस्थाई दुकानें लगाकर आम बेच रहे हैं। कई वैरायटी के आम शहर में बिक रहे हैं।

बोरवेल में पानी कम
एक किसान ने कहा, बारिश की कमी के कारण बोरवेल में पानी कम है और फसलों को अपेक्षित मात्रा में पानी नहीं मिल पा रहा है। सब्जी के पौधे सूख रहे हैं। जो कुछ सब्जियां उपलब्ध हैं, वे शहरी बाजार में बेची जा रही हैं। किसानों को फसल कटाई में ही फसल पर होने वाले खर्च की भरपाई के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। इसी वजह से गांवों में भी शहरी इलाकों के दाम पर ही सब्जियां बिक रही हैं।

Published on:
18 May 2024 06:52 pm
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