
विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम के अनुसार कक्षाएं संचालित की जा रही हैं।
अब छात्र संख्या बढ़ रही
पूर्व में संचालित गंगूबाई हनगल इंडियन क्लासिकल म्यूजिक गुरुकुल को 28 फरवरी 2024 को विश्वविद्यालय में मर्ज किया गया था, जिसके बाद यहां विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम के अनुसार कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। वर्तमान में इस केंद्र में 61 छात्र भरतनाट्यम, ड्रामा, हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत गायन, तबला और सर्टिफिकेट कोर्स में अध्ययन कर रहे हैं। गुरुकुल के समय एक गुरु के पास सीमित संख्या में विद्यार्थी होते थे, लेकिन अब छात्र संख्या बढ़ रही है। केंद्र में सात गेस्ट लेक्चरर और कुछ विजिटिंग प्रोफेसर पढ़ा रहे हैं, जबकि परमानेंट लेक्चरर की नियुक्ति अब तक नहीं हो पाई है।
हॉस्टल सुविधा उपलब्ध कराने की मांग तेज
यह विश्वविद्यालय का एकमात्र रीजनल सेंटर है, जहां बेंगलूरु, गदग, रायचूर, उत्तर कन्नड़, उडुपी और कलबुर्गी सहित कई जिलों से छात्र आते हैं। पहले गुरुकुल के समय भोजन और आवास की व्यवस्था थी, लेकिन अब छात्रों को निजी हॉस्टल और किराए के कमरों में रहना पड़ रहा है। ऐसे में हॉस्टल सुविधा उपलब्ध कराने की मांग तेज हो गई है।
सरकार को 2.50 करोड़ की ग्रांट का प्रस्ताव भेजा
वर्तमान में गुरु मानेज भवन को क्लासरूम के रूप में उपयोग किया जा रहा है, जिसे तत्काल मरम्मत और नवीनीकरण की आवश्यकता है। विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि विभिन्न सुविधाओं के विकास के लिए सरकार को 2.50 करोड़ की ग्रांट का प्रस्ताव भेजा गया है। विश्वविद्यालय से प्राप्त 50 लाख से अधिक की राशि से स्मार्ट क्लासरूम और सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं तथा दीवारों पर वर्ली आर्टवर्क बनाया गया है। हालांकि कमरों की छतों की मरम्मत और एक ओपन-एयर थिएटर की जरूरत अभी भी बनी हुई है।
Updated on:
17 Dec 2025 09:05 pm
Published on:
17 Dec 2025 09:04 pm
