* बिना ड्रस कोड और आईकार्ड के काम कर रहा स्टॉफ लोगों से कर रहा बदसलूकी * बार-बार शिकायतों के बाद भी रेलवे प्रबंधन मौन, ठेकेदार की मनमानी जारी
डॉ. संदीप उपाध्याय@रायपुर. रायपुर रेलवे स्टेशन स्थित पार्किंग स्टैंड के ठेकेदार की मनमानी से आम लोग खासे परेशान हैं। उसने रेलवे पार्र्किंग स्टैंड का ठेका नियम और शर्तों के तहत लिया है, लेकिन वहां नियम कायदों को छोड़ केवल मनमाना शुल्क वसूली की जा रही है। हालत यह है कि यदि कोई स्टैंड में अधिक शुल्क को लेकर पूछताछ करता है तो स्टैंड के कर्मचारी सीधे बदतमीजी पर उतर आते हैं। ऐसे में लोग अपनी इज्जत बचाने के लिए शुल्क अदा करके चले जा रहे हैं। यदि कोई जागरूक व्यक्ति रेलवे प्रबंधन से इसकी शिकायत करता है तो उनके द्वारा भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
रेलवे के पार्र्किंग स्टैंड में वाहनों से शुल्क तीन स्लैब में लिया जा रहा है। इसमें पहले 12 घंटे का 6 रुपए उसके बाद 24 घंटे तक 12 रुपए और फिर हर 12 घंटे के 18 रुपए लिया जा रहा है। जबकि इसना शुल्क लेने के बाद निर्धारित सुविधा भी लोगों को नहीं दी जा रही है। ऐसे में यदि को 12 घंटे से 10 मिनट लेट भी होता है तो भी उससे 12 रुपए ले लिया जाता है। लोगों का कहना है कि स्टैंड के अंदर गाडिय़ां इतना अव्यवस्थित खड़ी रहती हैं कि वहां से अपनी गाड़ी निकालने में ही आधा घंटे से अधिक समय लग जाता है, लेकिन उसका जिक्र करने पर स्टैंड के कर्मचारी झगड़ा करने पर उतारू हो जाते हैं। इससे विवश होकर वाहन मालिक रुपये देकर घर चला जाता है। पार्किंग स्टैंड में इस तरह की अवैध वसूली से यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
कौन है कर्मचारी पता ही नहीं चलता
रेलवे के नियम की बात करें तो पार्र्किंग स्टैंड में जितने कर्मचारी रखे जाने हैं उनका पुलिस वेरीफिकेशन कराने साथ ही उन्हें बाकायदा निर्धारित ड्रस कोड में रहना है। इसके साथ ही उन्हें अपना आईकार्ड भी लगाना है, जिससे उनकी पहचान हो सके। यहां इन नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। न तो कर्मचारी ड्रस कोड का पालन कर रहा है और न ही आई कार्ड लगा रहा है। लोगों का कहना है कि यहां आए दिन कर्मचारी बदलते हैं, इसलिए बिना पुलिस वेरीफिकेशन के ही इन्हें नौकरी पर रख लिया जाता है।
दुर्ग से रायपुर का किराया 4.50 रुपए, वाहन शुल्क 18
दुर्ग से रायपुर और बिलासपुर से रायपुर हर दिन कई हजार लोग ट्रेन से अप-डाउन करते हैं। वह लोग सुबह नौकरी के लिए आते हैं और शाम को स्टैंड में बाइक पार्क करके घर चले जाते हैं। दुर्ग से रायपुर आने वाले यात्रियों जब बात की गई तो वह स्टैंड की व्यवस्था पर हंस पड़े। उनका कहना है कि उन्हें ट्रेन से आने-जाने में 185 रुपए मासिक एमएसटी देना पड़ता है। ऐसे में उनका एक बार का किराया 4.50 रुपए होता है, जबकि स्टैंड में गाड़ी खड़ा करने का 18 रुपए चार्ज देना पड़ता है। रेलवे के इस मनमाने शुल्क पर लगाम लगाना चाहिए।
केस 1
लाखे नगर चौक निवासी गिरीश सिंह का कहना है कि उसने अपना वाहन रेलने स्टैंड में पार्क किया था। पर्ची पर छह रुपये लिखा था। शाम को जब वह गाड़ी लेने पहुंचा तो कर्मचारी ने १२ रुपये की मांग की। वह अधिक शुल्क का कारण पूछ ही रहा था कि चार कर्मचारियों ने उससे अभद्रता शुरू कर दी। इसके बाद वह बेज्जती के डर से रुपए देकर चुपचाप चला आया।
केस 2
दुर्ग निवासी राकेश मिश्रा लोकल से रायपुर आना-जाना रोजाना करते हैं। पार्किंग में गाड़ी खड़ा करने से पहले ही कर्मचारी ने पर्ची थमा दी। गाड़ी खड़ी कर आने की बात कहने पर स्टैंड के कर्मचारी गाड़ी की चाबी खींचकर बदतमीजी करने लगे। केस-३गुडिय़ारी निवासी रामकुमार ने बताया कि उन्होंने कर्मचारियों द्वारा बदतमीजी करने की शिकायत करने के लिए ठेकेदार का नंबर मांगा तो उसने मोबाइल नंबर देकर कहा गया कि जो शिकायत करना है कर दो। कई बार फोन करने और मैसेज करने के बाद भी ठेकेदार का कोई रिप्लाई नहीं आया।
वर्जन
पार्किंग स्टैंड में पब्लिक से अधिक पैसा वसूल करना या अभद्र व्यवहार करना गलत है। यदि ऐसा तो इसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वह लोग नियम का पालन क्यों नहीं कर रहे, इसका जवाब मेरे पास नहीं है, आपको ठेकेदार का नंबर देता हूं आप उनसे बात कर लीजिए।
एचएन मिश्रा, वाणिज्य निरीक्षक, रेलवे स्टेशन रायपुर