
नवजात शिशु (photo source- Patrika)
Crime News: समाज में चाहे कितनी भी जागरूकता क्यों न हो लेकिन आज भी बेटियां बेटों से कमतर ही नजर आतीं हैं। सरकार एक ओर बेटी-पढ़ाओ बेटी-बचाओ अभियान चला रही है। बहू एवं बेटियों को विभिन्न योजनाओं का लाभ दे रही। लेकिन आज भी जब घर में कोई नया मेहमान आता है तो उम्मीद रहती है कि बेटा ही हो। दूसरे क्रम में भले ही बेटियां स्वीकार होगी।
कुछ इसी तरह की मार्मिक घटना मंगलवार को देखने को मिली जब एक निर्मोही मां ने अपनी सात दिन की नवजात शिशु (बेटी) को रेलवे स्टेशन चांपा के प्लेटफार्म नंबर 4 के निर्माणाधीन लिफ्ट के पास सुनसान इलाके में छोडक़र चली गई। नवजात शिशु के नाभी के पार्ट्स भी अलग नहीं हुए थे। मामले की सूचना स्टेशन प्रबंधन को मिलते ही नवजात शिशु को चांपा के बीडीएम में शिफ्ट किया गया।
चूंकि बीडीएम में एसएनसीयू यूनिट नहीं होने से उसे तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती किया गया। चाइल्ड लाइन केयर के परियोजना समन्वयक विष्णु श्रीवास के मार्गदर्शन में देखरेख चल रहा है। वहीं जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड के स्टॉफ नर्सेस के द्वारा नवजात शिशु की देखरेख की जा रही है।
बताया जा रहा है कि नवजात को जन्म देने के बाद बेटी की कलंक का दंश झेल रही किसी मां ने नवजात को जन्म तो दिया लेकिन वह सात दिन भी उसकी परवरिश नहीं कर सकी और स्टेशन में छोड़ गई। रेलवे स्टेशन प्रबंधन एवं जीआरपी चांपा पुलिस ने स्टेशन के आसपास के सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले, लेकिन जिस स्थान में नवजात को छोड़ा गया था वहां तक कैमरे की नजर नहीं पहुंच पा रही थी। इसके चलते निर्मोही मां का पता नहीं चल पाया।
इस संबंध में जीआरपी चांपा का कहना है कि कैमरे की और बारीकी से जांच पड़ताल की जा रही है। ताकि जिस रास्ते से मां अपने नवजात को लेकर आई है उसकी पता तलाश कर सकें। फिलहाल चांपा जीआरपी मामले की जांच में जुटी हुई है।
Published on:
10 Dec 2025 06:04 pm
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