इंदौर

एमपी में 2051 के लिए बनेगा नया महानगर, 26 विभाग मिलकर तैयार करेंगे मेट्रोपोलिटन रीजन

26 departments will jointly prepare Indore Metropolitan Region for 2051 मध्यप्रदेश में चार प्रमुख शहरों में मेट्रोपॉलिटन रीजन बनाने की कवायद चल रही है।

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Dec 12, 2024
26 departments will jointly prepare Indore Metropolitan Region for 2051

मध्यप्रदेश में चार प्रमुख शहरों में मेट्रोपॉलिटन रीजन बनाने की कवायद चल रही है। इसमें प्रदेश की व्यवसायिक राजधानी इंदौर भी शामिल है। इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन (आइएमआर) को लेकर आइडीए को नोडल एजेंसी बनाया गया है। कुल 26 विभाग मिलकर इसका खाका तैयार करेंगे। इंदौर मेट्रोपोलिटन रीजन को लेकर प्रशासनिक हलचल तेज हो गई है जिसके अंतर्गत सन 2051 को ध्यान में रखते हुए नए महानगर को आकार दिया जाएगा।

इंदौर मेट्रोपोलिटन रीजन के लिए 26 विभागों से माइक्रो इन्फॉर्मेशन मांगी गई है। इसके आधार पर कंसल्टेंट कंपनी रीजन का खाका तैयार करेगी। हालांकि बताया जा रहा है कि डाटा जुटाने में विभागों के पसीने छूट रहे हैं।

इंदौर, उज्जैन, देवास और धार जिले को मिलाकर वर्ष 2051 के हिसाब से 6631.4 वर्ग किमी एरिया में रीजनल डेवलपमेंट प्लान तैयार किया जा रहा है। प्लान को लेकर आइडीए नोडल एजेंसी है। कंसल्टेंट कंपनी मेहता एंड एसोसिएट 15 एक्सपर्ट की मदद से प्लान तैयार करेगी। आइडीए सीईओ रामप्रसाद अहिरवार ने सभी विभागों को सात दिन में रिपोर्ट देने को कहा है। सोमवार को जानकारी देने पर पूछताछ की जाएगी।

इंदौर मेट्रोपालिटन रीजन के रूप में इंदौर सहित चारों जिलों के समग्र विकास की योजना बनाई गई है। इंदौर के 29 गांवों के साथ ही उज्जैन, धार और देवास के कई गांवों को भी इंदौर मेट्रोपालिटन रीजन में शामिल किया गया है। प्रस्तावित इंदौर महानगर में धार जिले के औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर को भी शामिल किया गया है।

प्रमुख विभागों से मांगी ये जानकारी

  1. जिला प्रशासन: जिले की प्रशासनिक रूपरेखा, गांव और पंचायत की सीमाएं, जनसंख्या स्थिति, परिवारों की संख्या।
  2. नगर निगम: (इंफ्रास्ट्रक्चर)- 10 वर्षों का बजट, जारी और प्रस्तावित परियोजनाएं, पर्यावरण विशेष जोन। (जल आपूर्ति)- जल आपूर्ति स्रोत और उनकी डिजाइन क्षमता, एमएलडी पानी, प्राकृतिक जल स्रोत। (ठोस कचरा प्रबंधन)-कचरा संग्रहण व परिवहन व्यवस्था, कचरा प्रसंस्करण संयंत्र और पंपिंग स्टेशन संख्या।
  3. जिला पंचायत: कुल शौचालय, बीएलएस व एलओबी योजना में कवर शौचालय, सेप्टिक टैंक और कीचड़ प्रबंधन प्रणाली वाले घरों की संख्या।
  4. टीएडंसीपी: विकास योजनाएं, योजना क्षेत्र के बाहर लेआउट।
  5. पीडब्ल्यूडी: क्षेत्र के राज्य राजमार्ग, क्षेत्र में आवाजाही वाले वाहनों की संख्या।
  6. पीएचई: पंपिंग स्टेशन, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, बारिश के जल की निकासी व्यवस्था।
  7. डब्ल्यूआरडी: जलग्रहण क्षेत्र, वाटरशेड और भूजल स्तर।
  8. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी: पावर ग्रिड और सब-स्टेशनों के स्थान व संख्या।
  9. एमपीआइडीसी व एमएसएमई: जिले में औद्योगिक क्षेत्रों का स्थान व परियोजनाएं, उद्योगों की संख्या और प्रकार, 2015 से उद्योगों में रोजगार और निवेश।
  10. उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण: कृषि और बागवानी की जमीन और उत्पादन, भूमि उर्वरता सूचकांक, फसल पैटर्न, उत्पादन और फसल उपज, सिंचाई का स्रोत, सिंचित क्षेत्र।
  11. खनिज विभाग: खनिज उत्पादन, जिले में स्वीकृत खदानें व प्रस्तावित क्षेत्र।
  12. पुरातत्व, अभिलेखागार एवं संग्रहालय: इंदौर, धार, देवास और उज्जैन जिलों में पुरातत्व और ऐतिहासिक महत्व के संरक्षित स्मारकों की सूची।
  13. एनएचएआइ: इंदौर, देवास, उज्जैन, धार से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग, वाहन संख्या।
  14. एयरपोर्ट अथॉरिटी: हवाई अड्डों व हवाई पट्टी की सूची और क्षमता, इंदौर से आने-जाने वाली उड़ान संख्या।
  15. मौसम विभाग: मेट्रोलॉजिकल स्टेशन, तापमान, औसत, कुल वर्षा और बरसात के दिनों की संख्या।
  16. हाउसिंग बोर्ड: इंदौर व धार में मौजूदा व प्रस्तावित योजनाएं, आवास बोर्ड का क्षेत्र, प्रस्तावित आवास इकाइयां व क्षमता।
  17. प्रदूषण नियंत्रण विभाग: प्रदूषण के प्रमुख स्रोत, वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों का स्थान और संख्या।
Published on:
12 Dec 2024 05:33 pm
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