इंदौर

‘अग्निवीर’ में क्यों नहीं दी ज्वाइनिंग? हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और सेना को जारी किया नोटिस

Agniveer recruitment: अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया पर बड़ा सवाल खड़ा हुआ है। युवक के सभी एग्जाम और डॉक्यूमेंट क्लियर होने के बावजूद ज्वाइनिंग नहीं मिली। हाईकोर्ट ने सरकार-सेना से जवाब मांगा। (MP News)

2 min read
Aug 24, 2025
agniveer recruitment controversy indore high court notice army and central government (Patrika.com)

MP News: अग्निवीर भर्ती (Agniveer recruitment) को लेकर हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार, सेना के कर्नल सहित इंदौर शहरी और ग्रामीण पुलिस को नोटिस जारी किया है। भारतीय सेना में भर्ती के लिए सपना सजाए युवक को सभी परीक्षाएं पास करने के बाद में भी ज्वाइनिंग नहीं मिलने पर उसने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई करने के बाद छह सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। हाईकोर्ट (indore high court) में यह याचिका गौरीनगर में रहने वाले अजय यादव ने अपने वकील अमन मालवीय के जरिए दायर की है।

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हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, चयन के बाद नहीं दी ज्वाइनिंग

मालवीय ने बताया हाईकोर्ट में बताया कि भारतीय सेना में अग्निवीर के तौर पर भर्ती के लिए जनवरी 2024 में परीक्षाएं आयोजित की गई थीं, जिसमें अजय यादव ने भी हिस्सा लिया था। उसका चयन भी हो गया था। चयन प्रक्रिया के तहत उसके सभी दस्तावेज जांच के लिए जमा करवा लिए गए थे। इन दस्तावेजो की जांच पुलिस के जरिए सेना ने करवाई थी, जिसकी रिपोर्ट भी सेना को मिल गई थी। रिपोर्ट आने के बाद भी उनकी ज्वाइनिंग नहीं हुई थी।

जब वो महू स्थित आर्मी छावनी में डायरेक्टर रिक्रूटमेंट के दफ्तर में मौजूद कर्नल से मिलने गए तो उन्होंने ज्वाइनिंग देने से मना करते हुए भगा दिया। उन्हें ज्वाइनिंग क्यों नहीं दी जा सकती, इसके बारे में कोई स्पष्ट जवाब भी नहीं दिया गया। इसको लेकर अजय ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इस याचिका पर बहस के बाद हाईकोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए प्रतिप्रार्थियों से जवाब पेश करने को कहा है। कोर्ट ने सभी को 6 सप्ताह का समय दिया है।

नकली दस्तावेज से भर्ती की करवाई थी जांच

एडवोकेट अमन मालवीय के मुताबिक, सेना भर्ती कार्यालय ने यादव के चयन के बाद दस्तावेजों में संदेह पाया था। सेना की ओर से एक पत्र 4 अप्रेल 2024 को पुलिस अधीक्षक इंदौर ग्रामीण को भेजा गया था. जिसमें बताया था कि अजय यादव के नाम से 2019, 2022 और 2023 में भी भर्ती में भाग लिया गया था. जिसमें अलग-अलग आधार और मोबाइल नंबर दर्ज होने के साथ ही उसकी जन्म तारीख भी अलग है। उसके द्वारा भर्ती के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए हैं, उसकी जांच की जाए।

पुलिस अधीक्षक ने 25 अप्रैल को अपनी जांच रिपोर्ट भेजी थी, जिसमें जन्म तारीख, आधार कार्ड सहित अन्य सभी जमा कराए गए। दस्तावेजों की सत्यता जांचने के बाद रिपोर्ट दी गई है कि उसने कोई फर्जी दस्तावेज नहीं तैयार किया है। जो दस्तावेज दिए गए हैं वो सही हैं। इसके साथ ही 2022 और 2019 में जो आधार नंबर सेना द्वारा उसका बताया जा रहा है वो 14 अंकों का है, जो सही नहीं है। साथ ही पुलिस ने उसके जो बयान दर्ज किए थे वो भी सेना भर्ती कार्यालय को भेज दिए गए थे।

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Updated on:
24 Aug 2025 10:00 am
Published on:
24 Aug 2025 09:53 am
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