इंदौर

MP News : महाराष्ट्र चुनाव को लेकर बदला 200 पुरानी कोठी का नाम, कांग्रेस का बड़ा आरोप

Residency Kothi : 200 साल पुरानी रेजीडेंसी कोठी का नाम बदलने को लेकर गरमाई सियासत, कांग्रेस का आरोप महाराष्ट्र चुनाव में वोट बैंक के लिया किया है नामकरण……।

2 min read
Oct 19, 2024

Residency Kothi : मध्य प्रदेश के इंदौर में हेलोवीन पार्टी के बाद अब 200 साल पुरानी एक कोठी का नाम बदलने को लेकर बवाल खड़ा हो चूका है। यह बवाल इंदौर नगर निगम मेयर इन काउंसिल की बैठक के बाद हुआ जहां फैसला लिया गया कि अंग्रेज़ों द्वारा बनाई गयी रेसीडेंसी कोठी का नाम बदलकर छत्रपति शिवजी वाटिका करने का निर्णय लिया गया।इस निर्णय के बाद कांग्रेस नगर निगम और भाजपा पर हमलावर है। उनका आरोप है कि यह नामकरण नवंबर में होने वाले महाराष्ट्र चुनाव (Maharashtra Assembly Election 2024) को साधने के लिए किया गया है। चलिए बताते है क्या है पूरा मामला।

एमआईसी कि बैठक में फैसला

दरअसल, इंदौर नगर निगम के मेयर पुष्यमित्र भार्गव की अध्यक्षता में मेयर इन काउंसिल (MIC) की बैठक हुई थी। इस बैठक में 1500 से अधिक विकास कार्यों को लेकर चर्चा हुई थी। इसी बैठक में एक और बड़ा फैसला लिया गया जिसमे बताया गया कि 200 साल पुराने रेसीडेंसी कोठी के नाम को बदलकर छत्रपति शिवजी वाटिका कर दिया जाएगा। साथ ही, अन्य नामकरणों की भी बैठक में स्वीकृति दी गई, जिसमें फूटी कोठी ब्रिज का नाम सेवालाल महाराज ब्रिज और भंवरकुआं चौराहे का नाम टंट्या भील चौराहा रखा गया है।

महाराष्ट्र चुनाव को लेकर बदला नाम - कांग्रेस

इस फैसले के बाद कांग्रेस ने इंदौर नगर निगम के अध्यक्ष और भाजपा पर निशाना साधते हुए बड़ा आरोप लगाया। एमपी कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिंह यादव ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट लिखा जिसमे उन्होंने इस फैसले कि आलोचना की। उन्होंने लिखा कि इंदौर में रेसीडेंसी कोठी का नामकरण देवी अहिल्या रेसीडेंसी कोठी रखना था।इंदौर विकसित करने में होलकर राजाओं का सर्वाधिक योगदान हैं। उन्होंने ने आगे भाजपा पर आरोप लगाते हुए लिखा कि देवी अहिल्या बाई होलकर की उपेक्षा की गई हैं। महाराष्ट्र चुनाव में वोट बैंक के लिए शिवाजी के नाम पर नामकरण किया गया हैं।

मेयर में आरोपों का दिया जवाब

कांग्रेस द्वारा कोठी के नामकरण के फैसले का विरोध करने और आरोप लगाने के बाद मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 'कांग्रेस क्या कह रही है? इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। महापुरुषों के नाम पर राजनीति नहीं होना चाहिए। शहर में गुलामी के प्रतीक स्थानों का नाम लगातार बदलने का काम हो रहा है।'

क्या है इस कोठी का इतिहास

करीब 204 साल पहले 1820 में रेसीडेंसी कोठी का निर्माण किया गया था। इसे सेंट्रल इंडिया एजेंसी के मुख्यालय के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था। 1857 की क्रांति के समय भी इस कोठी पर ही बगावत हुई थी जिसके दौरान सहादत खान और उनके साथियों ने रेसीडेंसी कोठी पर हमला किया था। कोठी के मेन गेट को तोप से उड़ा दिया गया था। इतिहासकारों की माने तो क्रांतिकारी सहादत खान को अंग्रेज़ों ने इसी कोठी में फांसी दी थी।

Updated on:
19 Oct 2024 04:07 pm
Published on:
19 Oct 2024 04:04 pm
Also Read
View All

अगली खबर