22 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

‘सार्थक ऐप’ में ड्यूटी पर बिना आए लग रही अटेडेंस, खुल गई पोल-पट्टी

MP News: कुछ डॉक्टरों व कर्मचारियों ने पहले से रिकॉर्डेड वीडियो, वीडियो कॉल या फोटो के जरिए दूसरे व्यक्ति की मदद से ऐप को भ्रमित कर उपस्थिति दर्ज कराई।

2 min read
Google source verification
Sarthak app

Sarthak app प्रतिकात्मक फोटो (Photo Source - Patrika)

MP News: सरकारी सिस्टम को चकमा देकर बिना ड्यूटी किए वेतन पाने का खेल स्वास्थ्य विभाग में एक बार फिर बेनकाब हुआ है। बायोमैट्रिक के बाद अब सार्थक ऐप में भी फर्जीवाड़ा सामने आया है। जिले में डॉक्टरों, फार्मासिस्टों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों ने वीडियो कॉल, पहले से रिकॉर्डेड वीडियो और फोटो के जरिए प्रॉक्सी उपस्थिति दर्ज सार्थक कराई, लेकिन तकनीकी जांच में यह हाईटेक घोटाला पकड़ में आ गया।

मामले में करीब 35 डॉक्टर व अन्य कर्मचारी चिन्हित किए गए है। ऐप में उपस्थिति दर्ज करने के लिए कर्मचारी को अपनी आइडी से लॉगइन कर लाइव लोकेशन, चेहरा और पलक झपकाने जैसी प्रक्रिया पूरी करनी होती है। लोकेशन में गड़बड़ी होने पर उपस्थिति सेव नहीं होती। बावजूद कुछ डॉक्टरों व कर्मचारियों ने पहले से रिकॉर्डेड वीडियो, वीडियो कॉल या फोटो के जरिए दूसरे व्यक्ति की मदद से ऐप को भ्रमित कर उपस्थिति दर्ज कराई।

2-3 महीने तक चलती रही प्रॉक्सी हाजिरी

संजीवनी क्लीनिक, विभिन्न अस्पतालों और स्वास्थ्य संस्थानों में पदस्थ डॉक्टर, नर्सिंग ऑफिसर, फार्मासिस्ट और एएनएम ने लगातार 2 से 3 महीने तक फर्जी तरीके से उपस्थिति दर्ज कराई। किसी ने वीडियो, किसी ने फोटो के जरिए तो किसी ने दूसरे व्यक्ति से प्रॉक्सी हाजिरी लगवाई। अक्टूबर-नवंबर में भी बड़ी संख्या में गड़बड़ियां सामने आई हैं। भोपाल मुख्यालय पर तैनात तकनीकी विशेषज्ञों की टीम ने ऐप प्रशासन डेटा की जांच के दौरान यह फर्जीवाड़ा पकड़कर जिला को जानकारी दी। पकड़ाए डॉक्टर और कर्मचारी को नोटिस जारी है।

ऐप को किया भ्रमित

सार्थक ऐप में उपस्थिति दर्ज करने के लिए कर्मचारी को अपनी आइडी से लॉगइन कर लाइव लोकेशन, चेहरा और पलक झपकाने जैसी प्रक्रिया पूरी करनी होती है। लोकेशन में गड़बड़ी होने पर उपस्थिति दर्ज नहीं होती। इसके बावजूद कुछ डॉक्टरों व कर्मचारियों ने पहले से रिकॉर्डेड वीडियो, वीडियो कॉल या फोटो से दूसरे व्यक्तित की मदद से ऐप को भ्रमित कर उपस्थिति दर्ज कराई।

सीएमएचओ ने इन्हें जारी किए नोटिस

भोपाल मुख्यालय पर तैनात तकनीकी विशेषज्ञों की टीम ने ऐप डेटा की जांच के दौरान यह फर्जीवाड़ा पकड़ कर जिला प्रशासन को जानकारी दी। इसके बाद सीएमएचओ डॉ. माधव हासानी ने डॉ. कैलाश सतपुते, डॉ. अंकिता, दुर्गेश्वरी प्रजापति, कल्पना, डॉ. प्राची, डॉ. हर्षिता, तपस्या, फार्मासिस्ट मनोज यादव, डॉ. अंशुल, डॉ. विनोद डांगी, डॉ. दिनेश साहू, डॉ. समर्थ परमार, डॉ. सुयश, शाहिद शेख, डॉ. वाहिद, डॉ. वंदना सहित अन्य को नोटिस जारी किए।