इंदौर

बड़ी चेतावनी! दुनियाभर की अर्थव्यवस्था पर असर, पेट्रोल-डीजल से लेकर नौकरी, व्यापार तक को खतरा

MP News : नैचुरल गैस, चीनी और कॉफी जैसे उत्पादों की कीमतें अचानक गिरीं, तो असर दुनियाभर की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकती है। भारतीय प्रबंध संस्थान (आइआइएम) इंदौर ने रिसर्च में यह चेतावनी दी।

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Apr 09, 2025
If prices of natural gas, sugar and coffee fall, the market will be shaken

MP News : नैचुरल गैस, चीनी और कॉफी जैसे उत्पादों की कीमतें अचानक गिरीं, तो असर दुनियाभर की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकती है। भारतीय प्रबंध संस्थान (आइआइएम) इंदौर ने रिसर्च में यह चेतावनी दी। कमोडिटी उत्पादों के वैश्विक असर पर अध्ययन में पाया कि इन उत्पादों के दाम गिरे तो पेट्रोल-डीजल, खाद्य सामग्री, नौकरी, व्यापार तक असर होगा। इसके अनुसार, हमें दाम बढ़ने ही नहीं, गिरने से भी डरने की जरूरत है।

क्यों गिरते हैं दाम?

जैसे डोमिनोज की कतार में एक गिरी तो सारी गिरती चली जाती हैं, वैसे ही रिसर्च में पाया कि अगर एक जरूरी चीज की कीमत गिरती है तो उसकी वजह से बाकी चीजों के दाम भी गिर सकते हैं। सामान्य हालात में ये असर 33 फीसदी तक होता है लेकिन बाजार में उथल-पुथल होने पर यह 88 फीसदी तक बढ़ सकता है।

इन उत्पादों पर सबसे ज्यादा जोखिम है

● नैचुरल गैस, चीनी और कॉफी ये तीन चीजें सबसे ज्यादा जोखिम में हैं।

● सोना-चांदी जैसी कीमती धातुएं- इनमें दाम गिरने का खतरा कम है, यानी ये काफी हद तक सुरक्षित हैं।

कयास लगाना : जब लोग बिना ठोस आधार के कीमतों का अनुमान लगाते हैं।

हेजिंग प्रेशर: जब कंपनियां नुकसान से बचने के लिए पहले से सौदे करती हैं।

बेसिस रिस्क: हालांकि यह एक तरह से बाजार को स्थिर रखने में भी मदद करता है।

आम लोगों के लिए क्या मतलब?

- यदि आप बिजनेस करते हैं या शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो यह रिसर्च आपको सतर्क रहने की सलाह देती है।

- यदि आप एक आम उपभोक्ता हैं, तो समझिए कि इन चीजों के दाम गिरने से भी आपको नुकसान हो सकता है। चाहे वह कीमतों में अस्थिरता हो या आपकी नौकरी पर असर।

रिस्क को कैसे मापा गया?

आइआइएम इंदौर के प्रो. देबाशीष मैत्रा और उनकी टीम ने 17 जरूरी चीजों का अध्ययन किया। दावा है, रिपोर्ट तेजी से ऊपर-नीचे हो रहे बाजार का असर कम करने में सरकार व निवेशकों के लिए फायदेमंद साबित होगी।

1. डाउन-टू-अप मोलेटिलिटी (इससे पता चलता है कि दाम कितनी तेजी से नीचे जाते हैं)।

2. निगेटिव को-इफिशिएंट ऑफ स्क्यूनेस (इससे गिरावट के पैटर्न की तीव्रता समझते हैं)।

आम जन पर असर

● यदि नैचुरल गैस के दाम गिरते हैं, तो इससे कंपनियों का प्रॉफिट कम होने से नौकरी पर असर।

● चीनी और कॉफी के दाम गिरने से किसानों को नुकसान आमदनी घटेगी।

● बाजारों की अस्थिरता से शेयर बाजार से जुड़े लाखों निवेशकों को घाटा और कई प्रभावित होंगे।

Updated on:
09 Apr 2025 01:46 pm
Published on:
09 Apr 2025 07:57 am
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