MP Tech Growth Conclave 2025: इंदौर में आयोजित आईटी कॉन्क्लेव में देश-दुनिया की आईटी, सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट कंपनियों के 500 से ज्यादा जनप्रतिनिधि शामिल हुए।
MP Tech Growth Conclave 2025: एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2025 में सीएम मोहन यादव ने स्पेस टेक, साइबर सुरक्षा, सेमीकंडक्टर और एवीजीसी एक्सआर पॉलिसी सहित चार नई प्रोत्साहन नीतियों का ऐलान किया। सीएम ने बताया कि जीआइएस में 99 एमओयू हुए थे, जिसमें 25 फीसदी हकीकत में बदल गए। इसके साथ चार नई नीतियों के साथ इंदौर में डीएवीवी की जमीन पर भी पीपीपी मॉडल पर नया आइटी पार्क बनाने की घोषणा की।
ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में हुई कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शामिल हुए। उन्होंने चर्चा में बताया कि जीआइएस को लेकर सरकार दोनों तरफ काम कर रही है। एक तरफ एमओयू धरातल पर उतार रही है तो दूसरी तरफ नए निवेश को लेकर पॉलिसियों पर काम हो रहा है। हमारा प्रयास है कि प्रस्ताव कागजों में न रहें, उनको धरातल पर उतारा जाए। हमारी सरकार उद्योग व रोजगार को प्रोत्साहन दे रही है। आइटी के साथ अन्य उद्योगों को जोड़ा जा रहा है। एमआर-10 पर कई बड़ी कंपनियों ने जगह बनाई है।
डॉ. यादव ने कहा कि हमने छोटे-छोटे क्षेत्रों में भी उद्योगपतियों को आमंत्रित किया है, लेकिन अब हमारे पास पर्याप्त भूमि की कमी हो रही है। प्रोजेक्ट्स की मांग काफी बढ़ गई है। हमने 18 नई नीतियों पर काम शुरू किया था, आज पूरी दुनिया के निवेशक यहां निवेश करने के लिए आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने परदेशीपुरा स्थित आइटी पार्क के 10 साल से प्रस्तावित होने की एक अखबार की खबर (पत्रिका नहीं) का जिक्र करते हुए कहा कि गलत समाचार छपा है। विभाग ने पीपीपी मॉडल पर 250 करोड़ रुपयों से ज्यादा का निवेश मानते हुए उसे डिस्पोजल में जोड़ा है। बहुत कम समय में तीन एकड़ जमीन पर बड़ा पार्क तैयार होगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि प्रदेश में छह जगह आइटी पार्क बनाए जा रहे हैं। इनमें इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर के अलावा उज्जैन और रीवा भी शामिल हैं। उज्जैन में एक बिल्डिंग तैयार हुई तो दूसरे का काम शुरू हो गया। तीन टावर बनाए जाएंगे।
कॉन्क्लेव में आइटी विभाग की चार नई पॉलिसियों की घोषणा की गई। स्पेस टेक, साइबर व सुरक्षा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, मध्य प्रदेश एवीजीसी एक्सआर और मध्यप्रदेश सेमीकंडक्टर पॉलिसी बनाई गई। पॉलिसी को लेकर कई लोगों ने रुचि दिखाई। इसके साथ प्रोत्साहन पोर्टल लांच किया गया।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिएटिव टेक्नोलॉजी क्षेत्रीय केन्द्र बनाया जाएगा, जो डिजिटल नवाचार, रचनात्मक शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट के लिए एकीकृत प्लेटफॉर्म के रूप में काम करेगा। एग्रीटेक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस आइआइटी इंदौर में स्थापित होगा, जो एआइ क्लाउड व अन्य तकनीकों पर आधारित कृषि नवाचारों को बढ़ावा देगा।
इवेंट में निवेश प्रोत्साहन के लिए एमपी डिजिटल इकोनॉमी मिशन का गठन किया जायेगा। इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर के प्रमुख आइटी पार्कों में चार नए सुविधा केंद्रों का गठन होगा। आइटी स्टार्टअप को विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग के तहत शामिल किया जाएगा। आइटी पार्क टावर भोपाल में बनाया जाएगा, जो तीन लाख वर्ग फीट में 125 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा।
मध्यप्रदेश में भी हमारी सरकार के गठन के बाद में उद्योग व रोजगार पर ध्यान दिया। हमें संतोष है। रीजनल कॉन्क्लेव किए, जिसके अच्छे परिणाम सामने आए। शहडोल जैसे जिले में 350 करोड़ की इंडस्ट्री आई है। जीआइएस में 30 लाख करोड़ के निवेश मिले, जिसके अमल पर हम लगातार निगरानी रखे हुए हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने घोषणा की कि मध्यप्रदेश ने शुरुआत कर दी है और अब रुकना नहीं है। कृषि क्षेत्र में भी काम शुरू होने वाला है। 3 मई को कृषि मेला लगने वाला है। प्रदेश में कितनी संभावनाएं हैं, ये बात ग्रोथ से ही पता चलती है। सबसे तेज ग्रोथ हमारी है, जो आश्चर्यजनक है। 55 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि है, जो 2002-03 में मात्र 7 लाख थी। हमारा प्रयास है कि एग्रीकल्चर यूनिट हमारे पास आए। अक्टूबर में हम सीहोर में एक बड़ा आयोजन करने जा रहे हैं।