
indore mumbai national highway (file photo)
mp news: इंदौर-मुंबई नेशनल हाईवे के गणेश घाट पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए 106 करोड़ में बना 8.8 किलोमीटर लंबा वैकल्पिक मार्ग 6 महीने में ही कैसे बदहाल हो गया? इस सवाल का जवाब मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने NHAI से मांगा था लेकिन गुरुवार को इसका जवाब एनएचएआई नहीं दे पाया। जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई है और फटकार लगाते हुए 15 जनवरी 2026 तक सड़क की वस्तुस्थिति की रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।
अभिभाषक अभिषेक तुगनावत ने बताया, हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान एनएचएआई के वकील ने कोर्ट को बताया, पैरवी के लिए मुंबई से वरिष्ठ अधिवक्ता कोर्ट नहीं पहुंच सके हैं, उन्हें समय दिया जाए। इस पर कोर्ट ने कहा, कहने के बाद भी सड़क सुधार की रिपोर्ट पेश नहीं की। अब आप सीनियर एडवोकेट के पेश होने के लिए समय मांग रहे हैं। वहीं याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि एक माह पहले रिपोर्ट जमा करने कहा था तब वकीलों ने सड़क सुधारने का भरोसा दिया था। लेकिन इसके बाद भी न काम किया और न रिपोर्ट पेश की। इसका खामियाजा गुजरने वाले हजारों वाहन चालक भुगत रहे हैं।
सेंधवा निवासी बीएल जैन ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। जिसमें उन्होंने बताया है कि राऊ-खलघाट क्षेत्र के 77 किमी हिस्से पर बीओटी आधार पर फोरलेन सड़क बनाई थी। अगस्त 2009 से टोल वसूला जा रहा है। भेरू घाट और बाकानेर घाट क्षेत्र में तकनीकी खामी से गणेश घाट का ढलान छह मीटर होने से वर्ष 2009 से 2024 के बीच 3000 से अधिक दुर्घटनाएं हुईं और 450 से ज्यादा लोगों की जान गई। एनएचएआइ ने बाकानेर घाट की साइड से 8.8 किमी लंबी नई सड़क बनाई, लेकिन यह सड़क 6 महीने में ही पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। आरोप है कि एनएचएआइ दिखावटी पैंचवर्क कर रहा है। याचिका में उल्लेख है कि इस राष्ट्रीय राजमार्ग से प्रतिदिन 19 हजार से अधिक वाहन गुजरते हैं और किलोमीटर के हिसाब से टोल वसूला जा रहा है।
Published on:
19 Dec 2025 06:13 pm
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