Indore News: तकनीकी शिक्षा के लिए पहले विदेशी विद्यार्थी अमरीका, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया जैसे विकसित देशों को प्राथमिकता देते थे। अब उन्होंने इंदौर के श्री गोविंदराम सेकसरिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (एसजीएसआइटीएस) को चुना है।
Indore News: तकनीकी शिक्षा के लिए पहले विदेशी विद्यार्थी अमरीका, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया जैसे विकसित देशों को प्राथमिकता देते थे। अब उन्होंने इंदौर के श्री गोविंदराम सेकसरिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (SGSITS Indore) को चुना है। पहली बार ऐसा हुआ है कि विदेशी विद्यार्थियों की संख्या तीन से बढ़कर 37 तक पहुंच गई है। 20 अगस्त तक चलने वाली प्रवेश प्रक्रिया के दौरान संख्या 50 तक जा सकती है। एसजीएसआइटीएस में 1500 से ज्यादा सीटें हैं। इनमें से 15% सीटें विभिन्न कोटे के तहत विदेशी विद्यार्थियों के लिए आरक्षित होती हैं। पहले कुछ ही सीटें भर पाती थीं। इस साल रेकॉर्ड टूट गया है।
जिन 37 विदेशी विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है वे तंजानिया, यूक्रेन, इंडोनेशिया, वियतनाम, दुबई, वेनिस और अन्य एशियाई-अफ्रीकी देशों के हैं। ज्यादातर विद्यार्थी यूजी और कुछ ने पीजी में प्रवेश लिया है। आइआइटी(IIT Indore), एनआइटी जैसे संस्थानों में सीधे एडवांस टेक्नोलॉजी पढ़ाई जाती है, जो तंजानिया, इंडोनेशिया, वियतनाम जैसे देशों के विद्यार्थियों के लिए मुश्किल होती है। एसजीएसआइटीएस ने इस गैप को समझा और खास तौर पर इन विद्यार्थियों के लिए 6 महीने की बेसिक ट्रेनिंग का प्रावधान किया है।
जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, अमरीका जैसे देशों में तकनीकी शिक्षा की फीस लाखों में होती है। एसजीएसआइटीएस में कुल लागत उन देशों की फीसका सिर्फ 15 फीसदी है।
विदेशी विद्यार्थी अंग्रेजी में पूरी तरह दक्ष नहीं होते। आइआइटी या एनआइटी जैसे संस्थानों में कम्युनिकेशन चुनौती बन जाता है। एसजीएसआइटीएस सरल भाषा में पढ़ाई, भाषा प्रशिक्षण भी दे रहा है।
इस बार संस्थान में विदेशी विद्यार्थियों की संख्या तेजी से बढ़ी है। विदेशी छात्रों को आकर्षित करने के लिए और प्रयास करेंगे।-डॉ. नितेश पुरोहित,डायरेक्टर एसजीएसआइटीएस