Indian Railway: रेलवे ट्रैक को वन विभाग की ‘लाल झंडी’, पहले पेड़ गिनो, फिर करेंगे रास्ते की बात
Indian Railway: इंदौर-खंडवा ब्रॉडगेज प्रोजेक्ट के टेंडर होने के बाद भी काम शुरू होने में वक्त लगेगा। रेलवे को वन विभाग से हरी झंडी नहीं मिली है। इंदौर से बड़वाह के बीच करीब 80 हजार पेड़ों की बलि देकर ट्रेन को रास्ता देने की योजना है। वर्तमान में रेलवे और वन विभाग मिलकर पेड़ों की गिनती कर रहे हैं। औपचारिकताएं पूरी होने के बाद ही काम शुरू हो सकेगा।
मालूम हो, रतलाम-महू-खंडवा-अकोला ब्रॉडगेज प्रोजेक्ट को बजट में 910 करोड़ रुपए मिले हैं। 2008 में इस ब्रॉडगेज ट्रैक को विशेष दर्जा मिला। इसकी लागत करीब 2 हजार करोड़ है। रेलवे ने पातालपानी से बलवाड़ा तक डायवर्टेड रेल लाइन के 391 करोड़ के टेंडर जारी कर दिए हैं। इसमें सबसे प्रमुख दो बड़ी सुरंग भी शामिल हैं। इसके पहले चार किमी की टनल का टेंडर भी हो चुका है, लेकिन वन विभाग की अनुमति के बाद ही काम शुरू होगा।
-वन विभाग के अफसरों के अनुसार, इस प्रोजेक्ट में इंदौर वन मंडल के इंदौर से बड़वाह तक का हिस्सा आता है। इस बीच करीब 80 हजार पेड़ कटने का अनुमान है। इसके बदले रेलवे जमीन और पौधे लगाने के लिए मुआवजा भी देगा। विभाग की ओर से एक पेड़ के बदले 10 पौधे लगाने का वादा किया गया है।
-इंदौर से बड़वाह के बीच करीब 800 पेड़ बाधक हैं। रेलवे और वन विभाग मिलकर पेड़ों की गिनती कर रहे हैं। इसके बाद बची प्रक्रिया पूरी की जाएगी, फिर रेलवे काम कर सकेगा। -महेन्द्र सिंह सोलंकी, डीएफओ
रेलवे ने पातालपानी से बलवाड़ा तक कुछ टेंडर जारी किए हैं, लेकिन काम शुरू नहीं हो पा रहा है। रेलवे ने अपना सेटअप भी लगा लिया है। वर्तमान में रेलवे की एजेंसी और वन विभाग पेड़ों की गिनती कर रहे हैं। इसके बाद अनुमति की प्रक्रिया होगी। काम शुरू होने में 3 से 4 महीने लग सकते हैं।
खंडवा से सनावद तक ट्रेन चल रही है। सनावद से ओंकारेश्वर तक ट्रैक तैयार है। 15 जुलाई को स्पीड ट्रायल किया जाएगा। रतलाम रेल मंडल के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी प्रदीप शर्मा ने बताया, वन विभाग से अनुमति को लेकर प्रयास किया जा रहा है। ओंकारेश्वर स्टेशन का काम चल रहा है। यात्री सुविधा जुटाने के बाद खंडवा से ओंकारेश्वर तक ट्रेन चलाएंगे। नर्मदा नदी पर महत्वपूर्ण पुल के टेंडर होने के बाद काम शुरू हो चुका है।