इंदौर

इस शख्स ने 40,000 हजार पेड़ लगाकर बंजर जमीन को बना दिया हरा-भरा जंगल, नाम दिया ‘केशर’

Indore Keshar Parvat: मध्यप्रदेश के इंदौर में रहने वाले डॉ. शंकरलाल गर्ग ने ऐसा कारनामा करके दिखाया है। जिससे वह चर्चाओं का विषय बन गए हैं।

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Jan 25, 2025

Indore Keshar Parvat: क्या आपने कभी सुना है कि किसी बंजर जमीन पर कश्मीर के केसर, विलो के पेड़, नेपाल के रुद्राक्ष, थाईलैंड के ड्रैगन फ्रूट, ऑस्ट्रेलिया के एवोकाडो, इटली के जैतून और मेक्सिको के खजूर ऊग सकते हैं?जी हां आपने सही सुना है…ये कारनामा मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में रहने वाले डॉ. शंकरलाल गर्ग ने करके दिखाया है। जो कि वर्ल्ड रिसर्चर्स एसोसिएशन के संस्थापक और निदेशक हैं।

रिटायर्ड प्रिंसिपल ने ऐसे की सफर की शुरुआत


डॉ. शंकरलाल गर्ग साल 2015 में रिटायर हुए थे। इसके बाद उन्होंने महू में स्कूल-कॉलेज शुरु करने के लिए जमीन खरीदी थी। इसके बाद जब काम नहीं बना तो उन्होंने बंजर पहाड़ी को जंगल में तब्दील करने का फैसला लिया। धीरे-धीरे उन्होंने पेड़ लगाकर पानी देने का काम किया।

सफर कठिन था मगर हौसले थे बुलंद


जब डॉ गर्ग ने बंजर पहाड़ी को जंगल में तब्दील करने का फैसला लिया तो उन्हें गांव वालों से कई तरह की बातें सुनने को मिली। जिसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने सबसे पहले पहले नीम, पीपल और नींबू के पेड़ लगाए। फिर धीरे-धीरे पेड़ों की संख्या और वैरायटी बढ़ने लगी।

आठ सालों में बदल गई बंजर पहाड़ी की तस्वीर


जुलाई 2016 से अगस्त 2024 तक डॉ गर्ग ने 40000 हजार पेड़ लगाए हैं। जिनकी 500 प्रजातियां हैं। इसमें कल्पवृक्ष, केसर, रुद्राक्ष, सेब, ड्रैगन फ्रूट, जैतून, लीची, अफ्रीकी ट्यूलिप, और इलायची के फूल शामिल हैं। पहाड़ी में कई वैरायटियों के लकड़ी के पेड़ भी हैं। जैसे की सागवान, गुलाबी लकड़ी, चंदन, महोगनी, बरगद, साल, अनजान, बांस, विलो, देवदार, पाइन,दहिमन, खुमाड़, और सिल्वर ओक भी हैं।

साल 2021 में ऐसा था केसर पर्वत

सिर्फ पौधे ही नहीं जंगली जानवर भी


इस जंगल में सिर्फ पेड़-पौधे ही नहीं बल्कि जानवर पाए जाते हैं। यहां पर 30 प्रकार के पक्षी, तितलियां और जंगली जानवर जैसे सियार, नील गाय, खरगोश, बिच्छू, जंगली सुअर और तेंदुआ भी पाए जाते हैं।

जंगल का नाम है केसर पर्वत


डॉ गर्ग ने इसे केसर पर्वत नाम दिया है। जो कि घूमने आने वाले टूरिस्टों को एंट्री फ्री है। पर्वत के अंदर मेडिटेशन सेंटर और विकलांग बच्चों के लिए क्रिकेट ग्राउंड बनाया गया है। उनका उद्देश्य पर्यावरण बचाओ, पृथ्वी बचाओ है। साथ ही 10 हजार पेड़ लगाकर 50 हजार के लक्ष्य को पाना है।

कैसे केसर पर्वत पड़ा जंगल का नाम


केसर पर्वत का नाम केसर से रखा गया है। केसर कश्मीर की पहाड़ियों का एक प्रसिद्ध पैौधा है। साल 2021 में पहली बार जंगल में 25 केसर के फूल खिले थे। इसकी संख्या में बढ़ोत्तरी हुई। जिसके बाद साल 2022 में 100 और साल 2023 में 500 पौधे हो गए। केसर को लाल सोना भी कहा जाता है।

साल 2021 में ऐसी थी केशर पर्वत की स्थिति


साल 2021 में केशर पर्वत पर लगभग 300 प्रकार के हरे भरे पेड़-पौधों थे। जिसमें 3000 सागवान, 1000 शीशम, 1500 नीम, 1000 पीपल, 500 बरगद, 1000 आम, 500 जाम, 500 आवला, सेब, अनार के साथ ही औषधीय से लेकर कई फलदार किस्म के पौधे इस पहाड़ी का हिस्सा थे।। डॉ. गर्ग उस दौरान ऑलिव भी लगाया था। जो कि अधिकतम 15 डिग्री तापमान में ही टिक पाता है, लेकिन यहां यह 30 से 35 डिग्री में पौधे बड़े हो रहे हैं।

Updated on:
25 Jan 2025 06:30 pm
Published on:
25 Jan 2025 06:28 pm
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