Indore Metro- एमपी की व्यवसायिक राजधानी इंदौर में कई मकान-दुकान जमींदोज किए जाने हैं। प्रोजेक्ट के अंतर्गत इन निर्माणों पर बुलडोजर चलाया जाएगा।
Indore Metro -एमपी की व्यवसायिक राजधानी इंदौर में कई मकान-दुकान जमींदोज किए जाने हैं। शहर में मेट्रो प्रोजेक्ट के अंतर्गत इन निर्माणों पर बुलडोजर चलाया जाएगा। मेट्रो प्रोजेक्ट में बड़ा गणपति से मल्हारगंज के छोटा गणपति तक दो अंडरग्राउंड स्टेशन बनाए जाने हैं जिसके लिए घर गिराए जाएंगे। इसका लोग विरोध करते हुए धरने पर बैठ गए हैं। स्टेशन के लिए मकान दुकान ढहाए जाने का बीजेपी में भी अंदरूनी विरोध हो रहा है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता तो खुलकर सामने आ गए हैं। वरिष्ठ बीजेपी नेता और राष्ट्रीय कवि सत्यनारायण सत्तन ने कहा है कि इससे रोजगार खत्म हो जाएंगे और बेरोजगारी बढ़ेगी।
इंदौर का मेट्रो प्रोजेक्ट आमजन के लिए संकट का सबब बन गया। इसकी जद में आनेवाले निर्माणों को ढहाया जा रहा है जिसका आमलोग और व्यापारी विरोध कर रहे हैं। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और कवि सत्यनारायण सत्तन भी आमजनों व व्यापारियों के पक्ष में आ गए हैं। उन्होंने इस मामले में खुलकर अपनी ही सरकार की खिलाफत की है।
बीजेपी नेता सत्यनारायण सत्तन ने कहा कि वे मेट्रो स्टेशन का विरोध कर रहे हैं, सरकार के खिलाफ नहीं बल्कि योजना के खिलाफ धरने बैठे हैं। इस योजना से आर्थिक हानि और जनता के वित्त की हानि हो रही है, पुरातात्विक ढांचा बिगड़ रहा है।
मकान, दुकान टूटने से लोग परेशान होंगे, वे विस्थापित होंगे। अपने घर के साथ व्यवसाय से भी जाएंगे। उनके रोजगार खत्म हो जाएंगे, बेरोजगारी बढ़ जाएगी।
सत्यनारायण सत्तन ने वरिष्ठ नेता और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय पर निशाना साधते हुए कहा कि यह उनका क्षेत्र है तो उनकी जिम्मेदारी भी बनती है। मंत्री को खुद आगे आकर समाधान निकालना चाहिए। सत्तन ने यह भी कहा कि इस मामले पर कैलाश विजयवर्गीय से अभी तक कोई बातचीत नहीं हुई है। मंत्रीजी को इस बात की जानकारी नहीं है, ये कहना भी गलत होगा।
बता दें कि मेट्रो प्रोजेक्ट में बड़ा गणपति से मल्हारगंज के छोटा गणपति तक के दो अंडरग्राउंड स्टेशनों के लिए करीब 4 दर्जन मकानों, दुकानों को हटाया जाना है। इससे 300 से ज्यादा परिवार प्रभावित होंगे। कई लोगों की दुकानें, घर से ही जुड़ीं हैं जिससे कारोबार भी खत्म हो जाएगा। यही कारण है कि स्थानीय लोग और व्यापारी मेट्रो स्टेशनों का विरोध करते हुए धरने पर बैठे हैं।