
MP government issues clarification on Supreme Court affidavit on OBC reservation
OBC reservation- एमपी में ओबीसी आरक्षण का मामला कई सालों से सुर्खियों में बना हुआ है। कांग्रेस की सरकार ने मार्च 2019 में ओबीसी आरक्षण को 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया था। प्रदेश के बहुसंख्यक ओबीसी समुदाय को लुभाने के लिए इसे तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ का मास्टर स्ट्रोक माना गया था लेकिन मामला कोर्ट में चला गया। इस दौरान प्रदेश में कांग्रेस की सरकार भी गिर गई। अब ओबीसी आरक्षण का यह मुद्दा कोर्ट में है जिसपर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इससे पहले प्रदेश कांग्रेसाध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर इस मामले के उलझने की बड़ी वजह बताई। उन्होंने महाधिवक्ता प्रशांत सिंह को इसके लिए जिम्मेदार ठहराकर उनकी लोकायुक्त में शिकायत करने की बात कही।
इस दौरान ओबीसी महासभा के पदाधिकारी और सुप्रीम कोर्ट में वकील वरुण ठाकुर भी मौजूद थे।
जीतू पटवारी ने ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के मामले में बीजेपी पर हमला बोला। पटवारी ने कहा कि 15 महीने की सरकार में हमने ओबीसी आरक्षण को 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया था। तत्कालीन सीएम कमलनाथ इसके लिए अध्यादेश लेकर आए लेकिन बीजेपी, आरएसएस और बीजेपी समर्थित लोगों ने कोर्ट में पिटीशन लगवाकर अध्यादेश पर रोक लगवा दी।
ओबीसी महासभा की राष्ट्रीय कोर कमेटी के सदस्य धर्मेन्द्र कुशवाहा की उपस्थिति में जीतू पटवारी ने मप्र के महाधिवक्ता प्रशांत सिंह पर बीजेपी सरकार के इशारे पर कोर्ट में मामले को उलझाने का आरोप लगाया। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि प्रशांत सिंह को नर्सिंग घोटाले के केस में करोड़ों रुपए का भुगतान किया गया है। प्रदेश कांग्रेसाध्यक्ष ने प्रशांत सिंह के खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत करने की भी बात कही।
जीतू पटवारी ने कहा कि ओबीसी आरक्षण पर किसी प्रकार की कानूनी रोक नहीं है तब भी सरकार कोर्ट का बहाना बनाकर मामले को टाल रही है। प्रदेश में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण मामले में बीजेपी सिर्फ दिखावा कर रही है। सरकार ओबीसी वर्ग को धोखा दे रही है। कोर्ट का बहाना बनाकर राज्य सरकार इसपर अमल नहीं कर रही। चुनाव आने पर भाजपा इसे लागू कर देती है और बाद में रोक देती है।
Published on:
20 Apr 2025 06:07 pm
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