Indore Metropolitan Region : इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन: उज्जैन, देवास, धार की सरहदों को लेकर राजधानी में मंथन किया जा रहा है। कई विभागों से नहीं मिल पा रहा इंदौर का डाटा।
Indore Metropolitan Region :इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन (आइएमआर) बनाने पर काम शुरू हो गया है। फिलहाल, मध्य प्रदेश के उज्जैन, देवास और धार की सरहद को कम-ज्यादा करने पर राजधानी स्तर पर मंथन चल रहा है। महत्वपूर्ण होने पर इनके कुछ क्षेत्र को बढ़ाया जा सकता है। इस पर जल्द फैसला होगा। इधर, कंसल्टेंट कंपनी ने इंदौर के साथ तीनों जिलों के 26 विभागों से भी डाटा मांग लिया है।
इंदौर, उज्जैन, देवास और धार को मिलाकर साल 2051 के हिसाब से आइएमआर तैयार किया जा रहा है। मौजूदा समय में 19 तहसील, 906 गांवों की 6631.4 वर्ग कि.मी जमीन आ रही है। इसे लेकर इंदौर विकास प्राधिकरण के अधीन मेहता एंड कंसल्टेंट कंपनी 15 एक्सपर्ट के साथ प्लान तैयार कर रही है। इंदौर के 26 सरकारी विभागों से डाटा जमा किया जा रहा है। अब उज्जैन, देवास और धार से भी जानकारी मांगी गई है। इधर, प्रस्तावित आइएमआर की फाइल भोपाल भेजी गई है। उसमें क्षेत्र बढ़ाए जाने की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है। उन स्थानों को भी लिया जा रहा है जो भविष्य में महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। ऐसे क्षेत्र भी जोड़े जा सकते हैं जो भौगोलिक स्थिति के अनुसार आइएमआर में होने चाहिए। कुछ क्षेत्रों को छोड़ने पर भी विमर्श चल रहा है।
बदनावर के पास पीएम मित्रा प्रोजेक्ट आ रहा है, जिससे कपड़ा कारोबार को नई ऊंचाइयां मिलने की उम्मीद है। इसे जोड़ा गया तो बीच के हिस्से को भी शामिल करना होगा। धार में पर्यटन के हिसाब से मांडू का खासा महत्व है, जिसे जोड़ा जा सकता है। देवास के आगे सोनकच्छ को भी ले सकते हैं। हालांकि, इसमें कंसल्टेंट कंपनी की राय को भी अहम माना जाएगा। प्लान में कनेक्टिविटी को भी गंभीरता से देखेंगे।
एक माह पहले आइडीए सीईओ रामप्रसाद अहिरवार ने इंदौर के 26 विभागों को पत्र लिखकर डाटा मांगा था। अब तक आधे विभाग भी रिपोर्ट नहीं दे पाए हैं। कुछ ने दी है तो वो कंसल्टेंट कंपनी द्वारा मांगे गए फार्मेट में नहीं है।