Indore-Pithampur Economic Corridor सरकार भू-अर्जन की पॉलिसी में बदलाव कर रही है, जिसमें किसानों को विकसित भूखंडों का 50 फीसदी हिस्सा दिया जाएगा।
Indore-Pithampur Economic Corridor : इंदौर-पीथमपुर इकॉनोमिक कॉरिडोर का रास्ता जल्द ही साफ होने जा रहा है, जिसमें 3500 से अधिक किसान व अन्य जमीन मालिकों की बल्ले-बल्ले हो जाएगी। सरकार भू-अर्जन की पॉलिसी में बदलाव कर रही है, जिसमें किसानों को विकसित भूखंडों का 50 फीसदी हिस्सा दिया जाएगा। इस योजना के धरातल पर आते ही जमीन की कीमतें आसमान छूने लगेंगीं।
इंदौर में एयरपोर्ट के पीछे से पीथमपुर के बीच एमपीआइडीसी एक इकॉनोमिक कॉरिडोर(Indore-Pithampur Economic Corridor) बनाने जा रही है, जिसको लेकर दो साल से किसानों व अन्य से जमीन लेने की प्रक्रिया चल रही है। 19.5 किलोमीटर लंबी सड़क में 1290.74 हेक्टेयर जमीन पर यह योजना आकार लेगी। इसके लिए एक फॉर्मूला बनाया गया था, जिसमें जमीन की दो गुनी कीमत दी जा रही थी। उसका 10 प्रतिशत नकद और 90 प्रतिशत हिस्से का प्लॉट था। इसका किसान विरोध कर रहे थे, जिस पर 860 दावे व आपत्तियां आई थीं, जिनका निराकरण भी हो गया।
अधिकांश जमीन पर कब्जा ले लिया, लेकिन किसान विरोध कर रहे थे। बात सीएम डॉ. मोहन यादव तक पहुंची। अब एमपीआइडीसी(MPIDC) ने भू-अर्जन पॉलिसी बदलने का फैसला किया है। इंदौर विकास प्राधिकरण की तर्ज पर विकसित भूखंडों का 50 फीसदी हिस्सा किसानों को दिया जाएगा, जिससे उन्हें खासा फायदा मिलेगा। प्राधिकरण का यह सबसे सफल फॉर्मूला है, जिस पर एमपीआइडीसी ने प्रस्ताव बना लिया है। मंजूरी के लिए सरकार के सामने रखा जाएगा।
लंबाई - 19.4 किमी
क्षेत्रफल - 1290.74 हेक्टेयर
योजना लागत - 2124.80 करोड़
अनुमानित निवेश - 10,000 करोड़
रोजगार - 25000
टीही, धन्नड़, भैसलाए, सोनवाय, डेहरी, बागोदा, मोकलाय, नरलाय, शिवखेड़ा, सिंदौड़ी, सिंदौड़ा, श्रीराम तलावली, नावदा पंथ, बिसनावदा, रिंजलाय, नैनोद, कोर्डियाबर्डी।
यह कॉरिडोर(Indore-Pithampur Economic Corridor) सरकार का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है, जहां एक सेक्टर एक लैंड यूज होगा। इंदौर में एयरपोर्ट के पीछे से पीथमपुर तक 75 मीटर चौड़ी सड़क बनाई जाएगी, जो इंदौर-अहमदाबाद नेशनल हाईवे को क्रॉस करेगी। इस कॉरिडोर के दोनों तरफ की 300-300 मीटर जमीन ली जा रही है। इसमें फिनटेक सिटी, दलाल स्ट्रीट, आइटी हब के साथ में व्यावसायिक व औद्योगिक प्लॉट होंगे तो बड़ा एरिया रेसीडेंशियल प्लॉट का भी रहेगा, जिसमें 20 मंजिला तक हाईराइज रहेगी। योजना के हिसाब से 20 से 25 हजार करोड़ रुपए का निवेश आएगा तो 25 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।