इंदौर

इंदौर से उज्जैन के बीच बनने जा रहा है 64 कि.मी लंबा रिंगरोड, 7 हजार पेड़ काटने की तैयारी

Indore-Ujjain New Ring Road : सिंहस्थ 2028 की तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं। इसी के चलते इंदौर से उज्जैन को जोड़ने वाली आउटर रिंगरोड परियोजना में एक बार फिर तेजी आ रही है।

2 min read
इंदौर से उज्जैन तक बनेगा रिंगरोड (Photo Source- Patrika)

Indore-Ujjain New Ring Road :मध्य प्रदेश में सिंहस्थ 2028 की तैयारियां जोरशोर से की जा रही हैं। इसी कड़ी में इंदौर और उज्जैन के बीच सुलभ ट्रांसपोर्टेशन को लेकर कई व्यवस्थाएं की जा रही हैं। इसी के चलते अब प्रदेश के आर्थिक नगर इंदौर से उज्जैन को जोड़ने वाली आउटर रिंगरोड परियोजना में एक बार फिर तेजी आ रही है।

इस रिंगरोड का सबसे बड़ा टास्क इसके अंतर्गत आने वाली 50 हेक्टेयर वनभूमि है। फिलहाल, परियोजना के लिए पर्यावरण अनुमति का इंतजार किया जा रहा है। अगले एक महीने में रीजनल इंपावरमेंट कमेटी से सहमति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। अनुमति मिलते ही भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा रिंगरोड निर्माण का काम शुरु कर दिया जाएगा। अधिकारियों को उम्मीद है कि, दिसंबर से पश्चिमी रिंग रोड के निर्माण का काम शुरु हो जाएगा।

ये भी पढ़ें

एमपी में नहीं लगेगा स्मार्ट मीटर, इतने साल तक की लगी रोक

7 हजार पेड़ काटे जाएंगे!

इस परियोजना के तहत बनने वाली आउटर रिंगरोड में करीब 50 हेक्टेयर वनभूमि भी आ रही है। ऐसे में इसपर लगे लगभग 7 हजार पेड़ों को काटना पड़ेगा। शुक्रवार को हुई रीजनल इंपावरमेंट कमेटी की बैठक में एनएचएआई अधिकारियों ने वन विभाग की सभी आपत्तियों का समाधान कर दिया है। अब कमेटी की ओर से औपचारिक हरी झंडी मिलना शेष है। जल्द ही अनुमति से संबंधित बिंदुओं को ऑनलाइन किया जाएगा, जिसके बाद एनएचएआई आगे का काम शुरू करेगा।

64 कि.मी रिंगरोड में होंगे 1500 करोड़ खर्च

पश्चिमी रिंगरोड की कुल लंबाई 64 किलोमीटर होगी, जिसपर करीब 1500 करोड़ रुपए खर्च होने की संभावना है। ये सड़क 638 हेक्टेयर भूमि से होकर गुजरेगी, जिसमें इंदौर और धार वनमंडल की लगभग 50 हेक्टेयर वनभूमि शामिल हैं। इंदौर जिले की 40 हेक्टेयर और धार जिले की 8 से 10 हेक्टेयर वनभूमि चिह्नित की गई है। सड़क का मार्ग मऊ से हातोद होते हुए क्षिप्रा तक जाएगा और ये बेटमा, सांवेर और तराना जैसे क्षेत्रों से गुजरेगा।

77 किमी की होगी पूर्वी रिंगरोड

पूर्वी रिंगरोड का निर्माण डकाच्या से पीथमपुर तक किया जाएगा, जो लगभग 77 किलोमीटर लंबा होगा। इसे दो हिस्सों में बनाया जाएगा। एक हिस्सा 38 किलोमीटर और दूसरा 39 किलोमीटर लंबा होगा। ये सड़क कंपेल, खुड़ैल, तिल्लौर, बड़गोंदा, पीथमपुर सहित 38 गांवों से होकर गुजरेगी। एनएचएआइ इस परियोजना का सर्वे कर रही है और इसे 40 महीने यानी मार्च 2028 तक बनाने का टारगेट सेट किया गया है।

जल्द शुरु होगा काम

इस संबंध में एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रवीण यादव का कहना है कि, आउटर रिंगरोड के लिए कमेटी की बैठक हो चुकी है। जल्द ही पर्यावरण अनुमति मिल सकती है। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। वैसे दिसंबर से पश्चिमी रिंगरोड का काम शुरू किया जाएगा।

Published on:
05 Oct 2025 09:50 am
Also Read
View All

अगली खबर