Mumbai like metropolis in MP मेट्रोपॉलिटन सिटी बनाने की दिशा में तेजी से काम चल रहा है।
Mumbai like metropolis in MP मध्यप्रदेश के प्रमुख शहरों को मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद, चैन्नई, बेेंगलोर जैसे महानगरों की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है। खासतौर पर राजधानी भोपाल और इंदौर को मेट्रोपॉलिटन सिटी बनाने की कवायद चल रही है। इंदौर मेट्रोपॉलिटन सिटी का खाका तो तैयार भी हो गया है। कुल 9336 वर्ग किमी में इंदौर महानगर को आकार देने का प्रस्ताव है। इसे अंतिम रूप देने के लिए इंदौर कलेक्टोरेट में अहम बैठक आयोजित की गई। बैठक में शामिल जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने योजना से जुड़े कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। इन सुझावों के आधार पर अंतिम खाका बनाया जाएगा और इसे सरकार को भेज दिया जाएगा।
इंदौर को मेट्रोपॉलिटन सिटी बनाने की दिशा में तेजी से काम चल रहा है। इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजनल प्लान में 5 जिलों को शामिल किया गया है। योजना में इंदौर के साथ ही उज्जैन, धार, शाजापुर और देवास जिला भी सम्मिलित है।
इंदौर विकास प्राधिकरण (IDA) द्वारा इसका प्रस्ताव तैयार किया गया है। शनिवार को बैठक बुलाकर मेट्रोपॉलिटन प्लान का प्रेजेंटेशन दिया गया। बैठक में 4 जिलों से संबंधित सांसदों, 20 विधायकों, 3 महापौरों, 2 नगर पालिका अध्यक्षों को बुलाया गया था। 4 जिलोें के कलेक्टरों को भी बैठक में सुझाव देने के लिए आमंत्रित किया गया था।इस अहम बैठक में पांचों जिलों के विकास से जुड़े प्रावधानों पर विस्तार से चर्चा की गई। इंदौर मेट्रोपॉलिटन प्लान के प्रेजेंटेशन के बाद जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों ने सुझाव दिए। मेट्रोपॉलिटन रीजन में इंडस्ट्रियल इस्टेट के लिए अलग से प्राधिकरण बनाने की बात उठी जिसपर विस्तार से चर्चा हुई। इस प्रस्ताव को राज्य सरकार को भेजने पर सहमति बनी।
इंदौर सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि इंदौर मेट्रोपॉलिटन सिटी योजना में इंडस्ट्रियल इस्टेट के लिए अलग समिति बनाने की बात उठी है। इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि जनसंख्या घनत्व, औद्योगिक विकास, ट्रांसपोर्ट और आधारभूत संरचनाओं जैसे पहलुओं को ध्यान में रखते हुए इंदौर मेट्रोपॉलिटन सिटी प्लान तैयार किया गया है। यह कुल 9336 वर्ग किमी एरिया का महानगर होगा। नए सुझावों के आधार पर प्लान पूरा कर राज्य सरकार को भेजा जाएगा।
इंदौर जिला- 100 प्रतिशत हिस्सा
उज्जैन जिला- 45 प्रतिशत
देवास जिला- 30 प्रतिशत
धार जिला-7 प्रतिशत
शाजापुर जिला- 0.54 प्रतिशत