MPPSC हर साल घटा रहा पद, युवाओं को मोह भंग, 2019 में 571 पदों पर भर्ती, 3.66 लाख आवेदन, 2025 में 158 पदों पर 1.18 लाख ही
प्रशासनिक सेवाओं की प्रदेश में होने वाली सबसे बड़ी परीक्षा से युवाओं का मोह टूट रहा है। यह मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) की कार्यशैली से हो रहा है। MPPSC 7 साल से हर साल राज्य सेवा परीक्षाओं में पद कम कर रहा है। 2019 में जहां पीएससी ने 571 पदों के लिए परीक्षा ली, वहीं 2024 में महज 260 पदों के लिए ही आवेदन मांगे। 2025 तक यह संख्या सिमटकर 158 पर पहुंच गई। यानी, पदों की संख्या 73 प्रतिशत तक कम कर दिए गए।
हालांकि 7 बरसों में महज 2022 में पद बढ़ाए और 457 पदों पर आवेदन मांगे। नतीजा, 2019 में जहां आवेदकों की संख्या 3.66 लाख थी। 2025 में 68 फीसद घटकर 1.98 लाख रह गई। जानकारों की मानें तो अभ्यर्थियों की लगातार घट रही संख्या के प्रमुख कारणों में परीक्षाओं की लंबी प्रक्रिया चलना, नियुक्तियां समय पर न होना और पदों की संख्या कम होना है। आयोग के लचर रवैये के बीच युवाओं ने लगातार पद बढ़ाने की मांग की। कई बार प्रदर्शन किया, लेकिन आयोग पद कम ही करता रहा। अब आयोग तर्क दे रहा है, विभागों से जानकारी आने के बाद पद संख्या में बढ़ोत्तरी हो सकती है।
वर्ष 2019 की परीक्षा के बाद आयोग ने कई बदलाव किए। इससे युवाओं का भरोसा आयोग पर कम होने लगा। अभ्यर्थियों ने मांगों को लेकर कई बार आंदोलन किए, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। विशेषज्ञों का कहना है 2019 की परीक्षा के बाद से आवेदकों की संया तेजी से कम हुई। इसका कारण सिर्फ पदों की संख्या कम होना नहीं है।
आयोग की चयन प्रक्रिया में 3 साल लग रहे हंै। वर्ष 2019 व 2020 की नियुक्तियां 2023 में हुईं। 2022 की नियुक्तियां 2025 में हो पाईं। 2023 के इंटरव्यू बाकी हैं। 2024 की नियुक्ति भी इस साल अंत तक हो सकेगी। आयोग का कहना है, हमने 2024 में 2020 और 2021 की राज्य सेवा परीक्षा की चयन सूची जारी की। 2025 शुरू होते ही राज्य सेवा परीक्षा-2022 की चयन सूची दे दी। इसी साल 2023 और 2024 की भी चयन सूची जारी की जाएगी।
एक्सपर्ट कृष्णा सिंह बताते हैं, 2019 में राज्य सरकार ओबीसी आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 फीसदी किया। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगी। सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आरक्षण पर रोक लगा दी थी। इसके बाद आयोग ने 87:13 का फॉर्मूला तैयार कर नियुक्ति प्रदान कर दी। इसके तहत 2019 से हो रही हर परीक्षा में 87 फीसदी रिजल्ट जारी किए जा रहे हैं, 13 फीसदी होल्ड पर हैं। इसलिए
आयोग के पास विभागों से जो पद आते हैं, उस पर विज्ञापन जारी होता है। 87/13 का फॉर्मूला हाईकोर्ट में लंबित है।
-रवींद्र पंचभाई, ओएसडी, मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग