Patrika Raksha Kavach Abhiyan: साइबर ठगों ने बदला पैंतरा, बिना ओटीपी दिए ही कर रहे ठगी, साइबर एक्सपर्ट बार-बार कर रहे अलर्ट, पत्रिका रक्षा कवच अभियान कर रहा जागरूक, जरूर पढ़ें खबर, रहें सुरक्षित और सतर्क
Patrika Raksha Kavach Abhiyan: सीबीआइ और ईडी अफसर बन लोगों को डराकर ठगी करने वाले लुटेरे नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं। इनमें उलझाकर उनकी मेहनत की कमाई लूटी जा रही है। अब ठगों ने मोबाइल में छिपे सीक्रेट नंबर (कोड) का इस्तेमाल ठगी में करना शुरू कर दिया है।
वे सिम कार्ड बंद होने का झांसा देकर लोगों को मोबाइल में छिपे 21 या 67 जैसे सीक्रेट कोड डायल करने को कहते हैं। इसे डायल करते ही फोन ठग के इशारों पर नाचने लगता है। इसमें ओटीपी नहीं आता, सीधे खाते खाली हो रहे हैं।
निजी कंपनी के मैनेजर से ठग ने क्रेडिट कार्ड का बिल कम करने के लिए कॉल किया। सीक्रेट कोड लगाकर नंबर दिया, बोला-सीनियर से बात करें। डायल करते ही ठग ने एक ऐप अपने फोन में मैनेजर के नंबर से इंस्टॉल कर ली। कॉल फॉरवर्ड हुआ तो ठग को ओटीपी मिली, मैनेजर का खाता खाली हो गया।
एक कंपनी के कर्मचारी को फोन कर कहा, पार्सल आया है। स्टाफ आपका पता ढूंढ़ रहा है। सीक्रेट कोड लगाकर एक नंबर दिया। बोला-स्टाफ को पता बता दें। नंबर डायल करते ही कॉल फॉरवर्ड हुई, वॉट्सऐप का ओटीपी लेकर ठग ने खाता एसेस किया और 50 हजार रुपए उड़ा लिए।
-लकी ड्रॉ: जालसाज मोबाइल पर लकी ड्रॉ खुलने का मैसेज भेजते हैं। क्लिक करते ही खाते से रुपए पार।
- बिल नहीं भरा: बिजली या गैस बिल न भरने पर कनेक्शन काटने का डर दिखाते हैं। बिल जमा करने लिंक भेजते हैं। क्लिक करते ही लोगों के खाते से रुपए गायब हो रहे हैं।
-केवायसी: बैंक व सरकारी दफ्तर के नाम से फोन कर अधूरी केवायसी का हवाला देते हैं। लिंक भेजते हैं। लिंक पर क्लिक करते ही खाते से रुपए निकल जाते हैं।
-वेबसाइट पर फर्जीवाड़ा: सरकारी महकमे, होटल की फर्जी वेबसाइट बना ठग फर्जी कस्टमर केयर नंबर डालते हैं। बुकिंग करते लोग ठगे जाते हैं।
- जॉब स्कैम: वेबसाइट, मोबाइल पर नौकरी के विज्ञापन का लिंक भेजते हैं। क्लिक करते ही फीस के नाम पर ठगी।
-ठग कहते हैं, आपका सिम कार्ड कुछ देर में बंद हो जाएगा। चालू रखने के लिए मोबाइल से 21 डायल करें। इसे डायल करते ही कॉल फॉरवर्ड हो रही है और रुपए खाते से पार हो रहे हैं।
-बैंक खाते की केवाइसी के नाम पर ठग मैसेज भेजते हैं। ठग सीक्रेट कोड के साथ अपने या साथी का नंबर भेजता है। डायल करते ही फोन ठगों के इशारों पर काम करने लगता है।
-बैंक से क्रेडिट कार्ड का ऑफर देने के नाम पर एपीके (एंड्राइड पैकेजिंग किट मालवेयर) फाइल मैसेज में भेजकर ठग मोबाइल हैक कर रहे हैं। परिचित की आवाज में ठग फर्जी बैंक ट्रांजेक्शन का मैसेज भेजते हैं। इसमें परिचित की मेडिकल इमरजेंसी का हवाला देकर रुपए ऐंठ लेते हैं।
-सरकारी योजनाओं का हवाला देकर या पैन कार्ड बदलने, अपडेट करने के लिए वेब एड्रेस भेजते हैं। क्लिक करते नंबर व जानकारी मांगते हैं, ओटीपी भेजे बिना ही फोन हैक हो जाता है। फोन पर ठग कहते हैं, डिलीवरी बॉय पार्सल लेकर आपका पता ढूंढ़ रहा है। आपको उसका नंबर भेजा है, उसे पता बता दें। जैसे ही नंबर डायल करते हैं, ठगे जाते हैं।
जबलपुर. ग्रे आयरन फाउंड्री से रिटायर्ड फोरमैन एंथोनी और पत्नी एग्रेश नीना पॉल को तीन दिन साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर 11.75 लाख रुपए ठग लिए। उन्हें संजय नगर जेडीए कॉलोनी स्थित घर में ही मोबाइल कैमरे पर कैद रखा। १ दिसंबर को दिल्ली क्राइम ब्रांच का अफसर बता मनी लॉन्ड्रिंग में फंसाने का डर दिखा 1.75 लाख रुपए ऐंठे। फिर 10 लाख और ट्रांसफर कराए। रांझी पुलिस ने बुजुर्ग दंपती की शिकायत पर केस दर्ज किया है।
मोबाइल कंपनी ने सीक्रेट कोड (मोबाइल नंबर डायवर्जन नंबर) सुविधा के लिए दिए हैं। लेकिन ठग इसका गलत उपयोग कर रहे हैं। ऐसी कई शिकायतें रोज आ रही हैं। कई मामले में ठग सफल हो जाते हैं। लोग पत्रिका पढ़कर जागरूक हो रहे हैं।
-चातक वाजपेयी, साइबर विशेषज्ञ