patrika raksha kavach: पत्रिका के अभियान से सभी को जुडऩे का आह्वान करते हुए दंडोतिया ने कहा, सभी को डिजिटल कॉप बनकर काम करना चाहिए। साइबर ठगी से खुद के साथ ही परिवार, रिश्तेदार, दोस्त व व अपनी सोसायटी के लोगों को बचाने के लिए जागरूक करने की जिम्मेदारी निभाना होगी।
patrika raksha kavach: साइबर क्राइम के खिलाफ 'पत्रिका रक्षा कवच' अभियान के तहत श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड साइंस कॉलेज में जागरुकता सेमिनार में एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने विद्यार्थियों को ठगी से बचने की सीख दी।
पत्रिका के अभियान से सभी को जुडऩे का आह्वान करते हुए दंडोतिया ने कहा, सभी को डिजिटल कॉप बनकर काम करना चाहिए। साइबर ठगी से खुद के साथ ही परिवार, रिश्तेदार, दोस्त व व अपनी सोसायटी के लोगों को बचाने के लिए जागरूक करने की जिम्मेदारी निभाना होगी।
सेमिनार में एडिशनल डीसीपी दंडोतिया ने कहा, साइबर अपराध बड़ी चुनौती है, हर वर्ग के लोग इससे प्रभावित है। इस समय डिजिटल अरेस्ट के जरिए लोगों को ठगा जा रहा है। ठगाने वाले लोगों में सॉफ्यवेटर इंजीनियर, सीए-सीएस, वैज्ञानिक, डॉक्टर आदि उच्च शिक्षित लोग है। इससे साफ है कि शिक्षित होने के साथ जागरूक होना जरूरी है तभी साइबर ठगी से बचेंगे। हर किसी के अंदर एक कॉप होता है, डिजिटल दुनिया के इस दौर में आप सभी डिजिटल कॉप है।
पत्रिका अभियान से जुड़कर सभी को डिजिटल कॉप बन लोगों को जागरूक करने की जिम्मेदारी निभाना चाहिए, तभी इस तरह की वारदातें थमेंगी। सेमिनार में कॉलेज के डायरेक्टर जॉर्ज थॉमस व विभागाध्यक्ष डॉ. मनदीप गिल ने अतिथि का स्वागत कर उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया।
ऑनलाइन पढ़ाई और गेम खेलने व डिजिटल काम के दौरान भी सावधानियों से न रहे बेखबर, क्योंकि साइबर क्रिमिनल्स हमारी हर गतिविधियों पर रख रहे हैं नजर। ये वर्चुअल दुनिया हमें जितनी आकर्षक लगती है उतनी खतरनाक भी है।
अब मोबाइल से सेल्फी लेकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर रहे हैं तो लोकेशन बंद रखें। बदमाश जीपीएस से लोकेशन ट्रैक कर शिकार बना लेते हैं।
किसी कूरियर कंपनी के नाम से फोन आए और ड्रग- मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में फंसाकर गिरफ्तार करने की धमकी दें तो उस पर विश्वास न करें, फोन डिसकनेक्ट कर दें।
किसी अपने को गिरफ्तार करने, उसे छोडऩे के एवज में राशि की मांग की जाए तो विश्वास न करें। सतर्कता दिखाते हुए तुरंत उस व्यक्ति से संपर्क करें जिसे गिरफ्तार करने की बात कहकर वसूली का प्रयास हो रहा था।
सोशल मीडिया पर अनजान से दोस्ती न करें, वीडियो कॉल न उठाएं। आभासी दुनिया में अधिकांश धोखा मिलता है।
किसी भी मैसेज में हाइपर ङ्क्षलक नंबर हो तो उसे डायल न करें, डायल करने पर फोन हैक हो जाता है।
मोबाइल हैक या चोरी हो जाए तो परेशान न हों। घर बैठे सेंट्रल इक्यूपमेंट आइडेंटी रजिस्टर पोर्टल पर जाकर रिपोर्ट कर उसे ब्लॉक कर दें।
साइबर अपराध हो जाता है तो हेल्पलाइन नंबर 1930 या साइबर सेल क्राइम ब्रांच 7049124445 पर कॉल करें। कोई अधिकारी बनकर कॉल करें तो 7049124445 पर कॉल कर नंबर की जानकारी भी ले सकते हैं।
मोबाइल चोरी हो जाए तो सिटीजन कॉप ऐप पर जाकर तुरंत रिपोर्ट करें। आपके नाम से कितने मोबाइल नंबर चल रहे हैं, टेफकॉप ऐप पर जाकर चेक कर सकते है।
दंडोतिया ने कहा, जागरूकता के लिए पत्रिका का रक्षा कवच अभियान बड़ा कारगर साबित हो रहा है। 'पत्रिका' ठगी के तरीकों से लोगों को जागरूक कर रहा है। अगर आज आप अखबार में किसी घटना को पढ़ेंगे तो वह हमेशा जेहन में रहेगी। दो महीने बाद भी किसी ने ठगने का प्रयास किया तो अखबार की खबर याद आ जाएगी और आप शिकार होने से बच जाएंग