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‘सीधे खातों में पहुंचेगा पैसा…’, ‘जी राम जी’ बिल पर ज्योतिरादित्य सिंधिया का बयान

Jyotiraditya Scindia on G RAM G Bill: केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 'जी रामजी' बिल पर को बताया लोगों के हित की योजना...।

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Jyotiraditya Scindia News

Jyotiraditya Scindia on G RAM G Bill 'जी रामजी' बिल पर ज्योतिरादित्य सिंधिया का बयान (फोटो सोर्स : @JM_Scindia)

MP News: केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शुक्रवार रात दो दिनी दौरे पर इंदौर पहुंचे। एयरपोर्ट पर मीडिया से चर्चा में उन्होंने 'जी रामजी' बिल को आमजन के हित की योजना बताते हुए कहा कि इसे संसद ने पूर्ण बहुमत से पारित किया है। यह बिल योजनाओं का लाभ सीधे पात्र व्यक्ति तक पहुंचाने के उद्देश्य से लाया गया है।

सीधे खातों में पहुंचेगा पैसा

सिंधिया(Jyotiraditya Scindia) ने कहा कि 'जी रामजी' बिल के लागू होने से बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी और योजनाओं की राशि सीधे लाभार्थियों के खातों में पहुंचेगी। इससे कागजी कामों के जरिए होने वाली चोरी पर प्रभावी रोक लगेगी। उन्होंने कहा कि इस योजना से वही लोग परेशान है, जिनके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही कह चुके हैं 'न खाऊंगा, न खाने दूंगा'। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए अब 100 दिन के स्थान पर 125 दिन का रोजगार सुनिश्चित किया है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और युवाओं को लाभ पहुंचेगा।

कांग्रेस पर निशाना

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सिंधिया ने कहा कि पहले ऐसी योजनाओं के लिए पर्याप्त बजट नहीं दिया जाता था, जबकि वर्तमान सरकार ने एक लाख करोड़ रुपए से अधिक का प्रावधान किया है। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शी सोच का परिणाम बताया। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर टिप्पणी करते हुए सिंधिया ने कहा कि यदि उन्हें कोई वक्तव्य देना है तो संसद में उपस्थित रहकर बात रखनी चाहिए। शनिवार को सिंधिया इंदौर में एक समिट और ब्रिलिएट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेंगे।

G RAM G Bill क्या है?

बता दें कि, विकसित भारत-रोजगार और आजीविका मिशन या VB-G RAM G कानून को 'जी राम जी' भी कहा जा रहा है। यह विधेयक मनरेगा(MNREGA) की जगह लेगा और हर ग्रामीण परिवार को कानूनी तौर पर रोजगार की गारंटी देगा। इसमें कम से कम 125 दिन का काम शामिल है। ये नौकरियां संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा बनाई और दी जाएंगी, जिनमें से हर कोई अब केंद्र सरकार के साथ वेतन का बोझ 40:60 के अनुपात में बांटेगा। और अगर नौकरी मांगने के 15 दिनों के अंदर नौकरी नहीं मिलती है तो भत्ता दिया जाएगा, जिसका पूरा खर्च सरकार उठाएगी।