Swine Flu Alert : इंदौर में एक बार फिर स्वाइन फ्लू का कहर बढ़ने लगा है। हाल ही में डीएवीवी के एचओडी की स्वाइन फ्लू से मौत हो गई, जबकि 7 संक्रमित सामने आ चुके हैं। स्वाइन फ्लू के बढ़ते खतरे ने स्वास्थ विभाग के साथ साथ आम लोगों की टेंशन बढ़ा दी है।
Swine Flu Alert :मध्य प्रदेश में डेंगू के साथ साथ स्वाइन फ्लू का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। हाल ही में स्वाइन फ्लू के कहर से इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) के स्कूल ऑफ डेटा साइंस के एचओडी डॉ. विजय बाबू गुप्ता (57) की शनिवार को मौत हो गई है। ये इस साल स्वाइन फ्लू से होने वाली पहली मौत है। निजी अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, 7 दिन पहले ही डॉ. विजय बाबू गुप्ता निमोनिया से ग्रस्त होकर अस्पताल में भर्ती हुए थे। यहां उनकी जांच में H1N1 की पुष्टि हुई थी। वहीं, दूसरी तरफ सितम्बर के शुरुआती दिनों तक शहर में 7 पॉजिटिव सामने आ चुके थे। फिलहाल, मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है।
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) के स्कूल ऑफ डेटा साइंस के एचओडी डॉ. विजय बाबू गुप्ता 23-24 अगस्त को विश्वविद्यालय में हुई दो दिवसीय बिजनेस इंटेलिजेंस, कम्प्यूटेशनल मेथ्स और डेटा एनालिटिक्स पर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में मैक्सिको से आए प्रोफेसर से मुलाकात के बाद बीमार हुए थे। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि मैक्सिको से आए प्रोफेसर के संपर्क में आने से वो वायरस की चपेट में आए होंगे।
खास बात ये है एचओडी डॉ. विजय बाबू गुप्ता के साथ उनकी पत्नी और बेटी भी स्वाइन फ्लू से संक्रमित हुई थीं। हालांकि, दोनों की हालत सामान्य होने पर दो दिन पहले ही दोनों को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया गया है। फिलहाल, दोनों अपने घर में आइसोलेट हैं, जबकि डॉ. विजय बाबू गुप्ता की संक्रमण के चलते मौत हो गई है।
इंदौर में सितंबर महीने की शुरुआत तक स्वाइन फ्लू के 7 पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं, जबकि मध्य प्रदेश में इसके संक्रमितों की संख्या 25 जा पहुंची है। हालांकि, स्वाइन फ्लू के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है। विभाग की ओर से उन इलाकों को हाई रिस्क जोन में रखा जा रहा है, जहां से स्वाइन फ्लू स संक्रमित सामने आ रहे हैं। साथ ही उन इलाकों में लगातार सर्वे कर पता लगाया जा रहा है कि जो लोग स्वाइन फ्लू से संक्रमित पाए गए हैं, उनके संपर्क में कौन कौन आया है। संबंधित लोगों की निशानदेही कर उनके भी परीक्षण किए जा रहे हैं, ताकि किसी बड़े खतरे को टाला जा सके।
स्वाइन फ्लू (H1N1) वायरस के कारण होता है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। जब कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है तो उसकी बूंदें हवा में चली जाती हैं। जब आप सांस के ज़रिए वायरस को अंदर लेते हैं, तो आपको संक्रमण हो सकता है। जब आप किसी दूषित सतह को छूते हैं और फिर अपने मुंह, नाक या आंखों को छूते हैं, तो भी आपको संक्रमण हो सकता है।
-तेज बुखार आना
-अधिक ठंड लगना
-लगातार खांसी आना
-गला खराब होना
-शरीर या मांसपेशियों में दर्द के साथ थकान होना
-लगातार तेज सिरदर्द बना रहना
शिशुओं और बच्चों में लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं अगर आपके शिशु या बच्चे में निम्न में से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से संपर्क करें-
-सांस लेने में तकलीफ होना
-जागने में परेशानी होना
-पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ न पीना
-शरीर पर दाने उभरना
-तेज बुखार बना रहना
-तरल पदार्थ पिएं
-हल्का आहार लें
-लक्षण दिखने वाले शख्स से निर्धारित दूरी से संपर्क में रहें।