fer Order Scam: करोड़ों रुपए के स्टाम्प चोरी मामले में आरोपी वरिष्ठ जिला पंजीयक अमरेश नायडू की एक और कलाकारी सामने आई है। इस मामले को लेकर गुरूवार को हाईकोर्ट सुनवाई है। (stamp theft case indore)
Transfer Order Scam: इंदौर में 13.33 करोड़ रुपए की स्टाम्प चोरी में आरोपी वरिष्ठ जिला पंजीयक अमरेश नायडू (senior district registrar Amresh Naidu) की एक और कलाकारी सामने आई है। विभाग ने 21 जुलाई को तबादला आदेश जारी कर दिया, लेकिन सांठगांठ के चलते जारी नहीं हुआ। इस बीच वे हाईकोर्ट पहुंच गए, जिसकी गुरुवार को सुनवाई है। विधानसभा में उठे सवाल पर 'पत्रिका' की खबर के बाद ये राज उजागर हुआ। इसके बाद कलेक्टर आशीष सिंह ने ताबड़तोड़ नायडू को रिलीव कर दिया। (stamp theft case indore)
बायपास की कॉलोनी डीएलएफ गार्डन ग्रीन के 9 कमर्शियल प्लॉटों का गांव का बताकर रजिस्ट्री कर दी गई, जिसमें 13.33 करोड़ के स्टाम्प चोरी कर सरकार को चपत लगाई गई। ईओडब्ल्यू में एफआइआर दर्ज कर ली जिसके बाद आरोपी उप जिला पंजीयक संजय सिंह को सस्पेंड कर धार मुख्यालय अटैच कर दिया, लेकिन दूसरे आरोपी वरिष्ठ जिला पंजीयक अमरेश नायडू पर तबादले जैसी कार्रवाई नहीं होने का मुद्दा पत्रिका ने उठाया।
इस बीच कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने इंदौर में 13.33 करोड़ के स्टाम्प चोरी को लेकर सवाल खड़ा कर दिया, जिसे 'पत्रिका' ने दमदारी से प्रकाशित किया। विभाग में हड़कंप मचा तो खुलासा हुआ कि वाणिज्यकर विभाग के उपसचिव ने नायडू का तबादला तो 21 जुलाई को ही कर दिया था। आदेश विभाग में दफन हो गया, जिसकी कॉपी नीचे तक पहुंची ही नहीं। गौरतलब है कि नायडू ने तबादले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगा दी जिसकी गुरुवार को तारीख है। खबर लगने के बाद तुरंत तबादला आदेश बुलाकर कलेक्टर आशीष सिंह ने नायडू को रिलीव कर दिया।
13.33 करोड़ के स्टाम्प चोरी में विधानसभा तक पहुंचने के बाद वाणिज्यकर विभाग के अफसर सकते में हैं। ततीश हुई तो बड़े अफसर ने तबादले की जानकारी दी तब पता लगाया गया कि आखिर आदेश नीचे तक कैसे नहीं पहुंचा। संबंधित बाबुओं को तलब किया गया। उन्होंने एक अफसर के नाम का खुलासा करते हुए बताया कि उन्होंने रोका था। बुधवार को विभाग की उप सचिव वंदना शर्मा ने 21 जुलाई के आदेश का हवाला देकर नायडू के तबादले का स्टाम्प आइजी को पत्र लिखा जिसमें ईओडब्ल्यू में दर्ज मुकदमे की जानकारी भी दी गई।
वरिष्ठ जिला पंजीयक दीपक शर्मा का तबादला देवास हो गया था। उन्हें भी कलेक्टर ने रिलीव कर दिया। शर्मा की 100 करोड़ के फर्जी रजिस्ट्री कांड का खुलासा करने में अहम भूमिका रही है। शिव विलास पैलेस के एक प्लॉट के फर्जी दस्तावेज सामने आने के बाद ये कलाकारी सामने आई थी। एफआइआर कर पांच सदस्यों की कमेटी बनाकर जांच कराई गई।