cyber fraud दिल्ली और हरियाणा में ट्रेनिंग मिली है। फर्जीवाड़े की ट्रेनिंग देने वालों का भी पता लगाया जा रहा है।
cyber fraud : साइबर फ्रॉड के लिए फर्जी दस्तावेजों से बैंक खाते खुलवाने और उन्हें साइबर ठगों को बेचने वाले गिरोह के सदस्य जिन फर्जी सिमकार्ड का उपयोग करते थे, वे जबलपुर और सतना जिले के पतों से जारी हुई हैं। एटीएस और स्टेट साइबर सेल की टीम उन लोगों को तलाश रही है, जिनके नाम पर यह सिमकार्ड है। कई आरोपी बेटिंग ऐप के माध्यम से ठगी का धंधा करते थे। इसके लिए उन्हें दिल्ली और हरियाणा में ट्रेनिंग मिली है। फर्जीवाड़े की ट्रेनिंग देने वालों का भी पता लगाया जा रहा है।
टीम ने जबलपुर के मनमोहन नगर मांडवा बस्ती निवासी ऋतिक श्रीवास, मैहर निवासी मेदनीपाल चतुर्वेदी, सतना निवासी अनजर हुसैन, शशांक अग्रवाल, अमित निगम, अनुराग कुशवाहा, स्नेहिल गर्ग, सुमित शेवानी, अमित कुशवाहा, संदीप चतुर्वेदी, नितिन कुशवाहा और सागिर अतर को गिरतार किया था। आरोपियों की निशानदेही पर टीम ने 15 लाख रुपए नकद, विभिन्न बैंकों की 27 पासबुक, 48 एटीएम कार्ड, चेकबुक, स्वाइप मशीन, आठ लैपटॉप, 20 मोबाइल फोन और 19 सिम कार्ड जब्त किए हैं।
टीम के अनुसार इस गिरोह के सदस्यों के साथ बैंक कर्मचारी और एजेंट भी जुडे़ हुए हैं। उन्हें कमीशन का झांसा दिया जाता था। एजेंट अपना टारगेट पूरा करने के लिए इस गिरोह से सपर्क करते थे। फर्जीवाड़े में सरकारी बैंकों के कर्मचारियों के शामिल होने की भी आशंका है।
स्टेट साइबर सेल के अनुसार आरोपियों द्वारा खोले गए बैंक अकाउंट्स में दूसरों के नाम से जारी सिमकार्ड के नबरों का उपयोग किया गया है। यह भी आशंका है कि आरोपियों के साथ मोबाइल कपनियों के कर्मचारी भी शामिल हैं। वे इस गिरोह को फर्जी सिमकार्ड मुहैया कराते थे। फर्जी सिमकार्ड के रैकेट का भी भांडफोड़ होने की संभावना है।