स्मार्ट मीटर लगाने थमा दिया धमकी वाला नोटिस, पोल खुली तो कहा गलती हो गई
electricity : बिजली कंपनियों के अधिकारी स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनी के साथ मिलकर किस कदर आम उपभोक्ताओं के साथ व्यवहार कर रहे हैं, इसका जीवंत उदाहरण भेड़ाघाट नगर पंचायत में देखने मिल रहा है। यहां आधा सैंकड़ा लोगों को स्मार्ट मीटर लगाने के नाम पर धमकी भरे लहले के नोटिस थमाए जा रहे हैं। ताकि वे डर के मारे स्मार्ट मीटर लगवाने लिए बाध्य हो जाएं। किंतु कुछ जागरुक उपभोक्ताओं ने कंपनी के अधिकारियों की चालाकी पकड़ ली। पोल खुलने के डर से संबंधित अधिकारी ने इसे वापस लेने का आदेश भी जारी कर दिया।
मप्र पूर्व क्षेत्र विवि कंपनी लिमि. भेड़ाघाट के जेई विपिन यादव ने 8 अगस्त को भेड़ाघाट नगर पंचायत क्षेत्र के करीब 50 उपभोक्ताओं को एक नोटिस जारी किया। इस नोटिस में उन्होंने उपभोक्ताओं ऑनलाइन रीडिंग के लिए स्मार्ट मीटर नहीं लगवाने पर चेताया। साथ ही लिखा यदि सात दिनों के भीतर स्मार्ट मीटर नहीं लगवाया गया तो लाइन काट दी जाएगी। जिसका जिम्मेदार उपभोक्ता स्वयं होगा। इसके बाद कई लोगों ने मीटर लगवा लिया।
नोटिस मिलने के बाद जहां कुछ लोगों ने मीटर लगवाने के लिए हां कर दी, वहीं कुछ जागरुक उपभोक्ताओं ने एक गलती से पूरा मामला उजागर कर दिया। दरअसल पूरे नोटिस में जेई द्वारा किसी नियम, धारा का उल्लेख नहीं किया था। जिससे यह नोटिस केवल डराने के लिए देना पाया गया। जब इस विषय में संबंधित जेई से पूछा गया तो वे दो-तीन दिनों से टाल-मटोल करते रहे।
जेई विपिन यादव ने नोटिस के नीचे जिन अधिकारियों को प्रतिलिपि लिखा था, उन्हें इस नोटिस के विषय में कुछ खबर ही नहीं थी। दरअसल, जेई जब उपभोक्ताओं की नहीं सुन रहे थे, तब नगर कांग्रेस अध्यक्ष सौरभ शर्मा, नगर पंचायत अध्यक्ष चतुर सिंह लोधी और अन्य कार्यकर्ता उनके कार्यालय पहुंच गए। मौके पर भेड़ाघाट थाना प्रभारी भी पहुंचे, जब उनसे लोगों ने नोटिस के संबंध पूछा गया तो उन्होंने साफ इंकार कर दिया। इसके अलावा कार्यपालन अभियंता जबलपुर एवं सहायक अभियंता ग्रामीण ने भी नोटिस को लेकर अनभिज्ञता जाहिर कर दी। जिससे नोटिस फर्जी तरीके से दिए जाने की पुष्टि हो गई।
स्मार्ट मीटर लगवाने के लिए बाध्य करने के लिए दिए गए धमकी वाले नोटिस पर बढ़ते बवाल को देखकर जेई ने तत्काल एक नोटिस जारी करते हुए उक्त कार्रवाई को रोकने का आदेश जारी कर दिया। जिसमें उन्होंने किसी भी धारा का उल्लेख नहीं होने की बात लिखी। इस दौरान क्षेत्रीय उपभोक्ताओं ने जेई ऑफिस में जमकर हंगामा भी किया। जैसे तैसे उन्हें बाहर कर गुस्सा शांत कराया गया।
नोटिस की जानकारी मुझे भी नहीं थी, हंगामे दौरान पता चला था। हमारा काम है लोगों को स्मार्ट मीटर की खूबियां और फायदे बताया, उसके लिए नोटिस दिए गए थे, चूंकि नोटिस की ड्राफ्टिंग गलत हो गई थी, जिसे निरस्त कर दिया गया। जिस भाषा का उपयोग हुआ वह नहीं होनी चाहिए थी, हालांकि ये मामला कल ही खत्म कर दिया गया था।