Hallmark jewellery : रिसेल प्राइज अच्छी मिलेगी, लोगों का बढ़ रहा महंगी चांदी में इन्वेस्टमेंट
लाली कोष्टा @जबलपुर. किसी भी धातु की शुद्धता उसकी वर्तमान कीमत तय करती है। यही वजह है कि गहनों और इन्वेस्टमेंट के शौकीन चांदी की अपेक्षा सोने की खरीदी सबसे ज्यादा करते हैं। लेकिन अब चांदी की शुद्धता की गारंटी भी मिलने लगी है। जिसके बाद महंगे होते सोने में इन्वेस्ट न करने वाले चांदी की खरीदी कर सकते हैं। जी हां, अब सोने की तरह चांदी के गहनों पर भी हॉलमार्क लगने लगा है। जिसके बाद से इसकी खरीदी में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है।
गहनों के व्यापारी अंकित सोनी ने कोरोना के बाद से ही हॉलमार्क वाली चांदी की ज्वेलरी आने लगी थी, लेकिन ये बहुत कम मात्रा में आती थी। पिछले एक साल में महंगे होने सोने के चलते सस्ती और महंगी चांदी के बीच का फर्क लोगों की समझ आने लगा जिसके बाद से हॉलमार्क वाली चांदी की ज्वेलरी की बिक्री बढ़ गई है। जिससे कुछ ज्वेलर्स ये ज्वेलरी रखने लगे हैं। हॉलमार्ग 92.5 की शुद्धता वाली ज्वेलरी लगभग 22 कैरेट खरी चांदी से बनी होगी। जबकि सस्ती चांदी में 55 से 70 प्रतिशत तक होती थी। जिसकी रिसेल वैल्यू कम होती थी, किंतु हॉलमार्क वाली ज्वेलरी का रिसेल प्राइज उस समय के भाव के अनुसार मिलेगा।
ज्वेलर्स आशीष कोठारी के अनुसार वर्तमान में सोने की अपेक्षा अभी चांदी का व्यापार बमुश्किल 25 से 30 प्रतिशत है। अब हॉलमार्क के चलते जब शुद्धता बढ़ेगी तो इसका व्यापार जबरदस्त तरीके से उछाल लेगा। यह ग्राहकों के लिए फायदेमंद साबित होगा। क्योंकि उन्हें गहने बेचने या बदलते समय गुणवत्ता को लेकर झंझट नहीं होगी। एक ओर जहां ग्राहकों को चांदी फायदा देगी, वहीं व्यापारियों के लिए भी बिजनेस की दृष्टि से ये अच्छा कदम होगा।
सराफा व्यापारियों के अनुसार केन्द्र सरकार सोने की तरह चांदी को भी हॉलमार्क के दायरे में लाने का प्रयास कर रही है। सितम्बर तक इसे लागू करने के आदेश आ सकते हैं। हालांकि सोने की तरह इस पर पाबंदी नहीं रहेगी, आगे चलकर हो सकता है इसे पूरी तरह से लागू कर दिया जाए। व्यापारिक व जनहित की दृष्टि से ये एक अच्छा कदम होगा।
अभी तक चांदी की खरीदी में यह असमंजस की स्थिति होती थी कि इसमें कितने प्रतिशत शुद्ध चांदी है और कितनी अन्य धातु है। लेकिन हॉलमार्क आने से एक यह फायदा होगा कि इसके व्यापार में पारदर्शिता आएगी, जितने की चांदी होगी उतने पैसे लगेंगे, साथ में इसकी रीसेल वैल्यू जो पहले निश्चित नहीं थी अब तय होकर बिकेगी। इसकी बिक्री में सोने की तरह जबरदस्त उछाल होगा।
1 सितम्बर से एचयूआईडी लागू कर रहे हैं। इसके बाद हॉलमार्क वाली चांदी बाजार में आने लगेगी। फिलहाल इसकी अनिवार्यता नहीं होगी। धीरे-धीरे इसे पूरी तरह से लागू कराया जाएगा। इसे लाने का उद्देश्य लाने का उद्देश्य पारदर्शिता लाना है। इससे ग्राहकों को सोने की तरह चांदी में भी शुद्धता की गारंटी मिलेगी। अब 6 डिजिट वाली हॉलमार्किंग लागू होगी। यह 6 ग्रेड चांदी ज्वेलरी पर लागू होगा, जिसमे 900,800,835, 925, 970, 990 ग्रेड शामिल है।