Global Investors Summit 2025 : भोपाल की ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट ‘जीआइएस’ में जबलपुर में बना ‘मॉडीफाइड माइंस प्रोटेक्टिड वीकल’ छाया हुआ है।
Global Investors Summit 2025 : भोपाल की ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट ‘जीआइएस’ में जबलपुर में बना ‘मॉडीफाइड माइंस प्रोटेक्टिड वीकल’ छाया हुआ है। इसकी खूबियां जानकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इसमें सवार भी हुए। इसमें बैठे वीकल फैक्ट्री जबलपुर के विशेषज्ञों से इसकी विशेषताएं जानीं। मुख्यमंत्री को बताया गया कि नक्सल और आतंकवाद प्रभावित इलाकों में यह सैनिकों के लिए कितने कारगर है। फैक्ट्री के महाप्रबंधक कमलेश कुमार ने बताया कि यह वाहन प्रमुख उत्पादों में शामिल है। यह बारूदी सुरंग के विस्फोट के समय सैनिकों को सुरक्षित रखने में सक्षम है। सेना के साथ अर्धसैनिक बलों को इसकी सप्लाई निरंतर की जा रही है।
देश और विदेश के उद्योगपतियों ने प्रदेश में निवेश के लिए अपना खजाना खोल दिया है। इसका बड़ा हिस्सा जबलपुर में भी आएगा। उनका फोकस टेक्सटाइल, डिफेंस, फूड प्रोसेसिंग, आइटी, खनिज व नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में है। जिले के उद्योगपतियों ने बताया कि इन क्षेत्रों में निवेश बढ़ने से नए उद्योगों की स्थापना के साथ युवाओं को रोजगार मिलेगा। यहां आईटी पार्क है। 20 से अधिक इंजीनियरिंग कॉलेज के अलावा भविष्य में स्किल पार्क और टेक्नालॉजी सेंटर खुलेगा। टेक्सटाइल पार्क के लिए जगह चिन्हित है। जबलपुर कपड़ा उत्पादन में पुराना शहर है।
इन्वेस्टर्स समिट के उद्धाटन सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जबलपुर का नाम लेकर कहा कि शहर में एयरपोर्ट का विस्तार हो गया है। अब ज्यादा संख्या में निवेशक यहां आ सकते हैं। इसी प्रकार बडे़ निवेशकों का रुझान यहां निवेश करने का रहेगा।
ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के दौरान लोक निर्माण विभाग और एनएचएआई ने एक लाख करोड़ के एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इससे जबलपुर से जुड़े एक हाईस्पीड कॉरिडोर, दो एक्सप्रेस वे और एक स्टेट हाईवे का तेजी से निर्माण हो सकेगा। इनमें भोपाल-जबलपुर ग्रीनफील्ड हाई स्पीड कॉरिडोर, प्रयागराज जबलपुर नागपुर एक्सप्रेस वे, लखनादौन-रायपुर एक्सप्रेस वे, जबलपुर-दमोह राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण शामिल है। मप्र सड़क विकास निगम (एमपीआरडीसी) और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के बीच हाई स्पीड कॉरिडोर व एक्सप्रेसवेज के निर्बाध निर्माण के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह मौजूद थे।
गारमेंट इंडस्ट्री में अभी तेजी आई है। समिट में टेक्सटाइल से जुडे़ कई उद्योगपति शामिल हुए। वे मप्र में निवेश करना चाहते हैं। जबलपुर उनकी प्राथमिकता में इसलिए रहेगा क्योंकि यहां गारमेंट इंडस्ट्री का माहौल है। टेक्सटाइल्स पार्क के लिए जगह चिन्हित है।
जीआइएस औद्योगिक वातावरण के निर्माण तथा विकास में अहम भूमिका निभाएगा। जबलपुर तथा महाकोशल क्षेत्र में भी निवेश के कई प्रस्ताव हैं। इसमें 3 लाख 71 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव आए हैं।
एमएसएमई क्षेत्र के लिए यह समिट फायदेमंद साबित हो सकती है। जबलपुर में एमएसएमई क्षेत्र के उद्योगों की संख्या ज्यादा है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि निवेशक जबलपुर को प्राथमिकता देंगे।