MP News: एमपी के जबलपुर में अचानक दूध के दाम 2 से 3 रुपये तक बढ़ा दिए गए हैं। दूध 68 रुपये से लेकर 69, 70, 72 व 73 रुपये लीटर तक बिक रहा है।
MP News: एमपी के जबलपुर में अचानक दूध के दाम(Milk Price Hike) 2 से 3 रुपये तक बढ़ा दिए गए हैं। दूध 68 रुपये से लेकर 69, 70, 72 व 73 रुपये लीटर तक बिक रहा है। बिना किसी कारण के दाम बढ़ाए जाने का सीधा असर आम आदमी के बजट पर पडऩे वाला है। जैसे पहले अगर किसी के घर में महीने पर 2100 रुपये का दूध आता था तो अब उसे 2160 से 2190 रुपये का भुगतान करना होगा। यादव कालोनी, मदनमहल, राइट टाउन, सिविल लाइन, गोरखपुर, विजय नगर, अधारताल इलाकों में कई डेयरी वालों ने दूध की कीमत बढ़ा दी है। लेकिन अचानक दूध की कीमत बढ़ा दिए जाने को लेकर प्रशासन मौन है।
जबलपुर दूध का बड़ा उत्पादक है। प्रतिदिन यहां 9 लाख लीटर के लगभग दूध का उत्पादन हो रहा है। इसके बावजूद यहां दूध प्रदेश में सबसे महंगा है। डेयरी संचालकों ने ट्रेंड बना लिया है। हर साल दो-तीन रुपये से लेकर पांच रुपये तक दूध के दाम बढ़ा दे रहे हैं। इतना ही नहीं पहले साल में एक बार गर्मी के दिनों में वे दूध की कीमत बढ़ाते थे, अब दो बार दाम बढ़ाए जा रहे हैं।
नगर में परियट व गौर में स्थित डेयरियों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में दूध का वृहद स्तर पर उत्पादन हो रहा है। यहां से वृहद स्तर पर टैंकरों में दूध की नागपुर सप्लाई की जा रही है। हर रोज नगर से लगभग 60 हजार लीटर दूध महाराष्ट्र जा रहा है। इसके बावजूद यहां दूध की कीमत बढ़ाई जा रही है जबकि बरसात के सीजन में मवेशियों के लिए भरपूर हरा चारा उपलब्ध है।
एक अगस्त से शहर के कई इलाकों में डेयरी वालों की ओर से दूध की कीमत बढ़ा दिए जाने को देखते हुए नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने दाम नियंत्रित करने कलेक्टर दीपक सक्सेना से मांग की है। संगठन के डॉ. पीजी नाजपांडे ने कहा कि दूध की कीमतों को लेकर हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में सरकार ने अंडरटेकिंग दिया है कि दूध की कीमत की मॉनीटरिंग करेंगे। ऐसे में मॉनीटरिंग की जाए तो स्पष्ट हो जाएगा कि वर्तमान में यहां बढ़ाए गए दूध के दाम बहुत ज्यादा हैं।
उन्होंने कहा कि दूध की कीमत नियंत्रित करने कदम नहीं उठाए गए तो आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। इस दौरान संगठन के टीके रायघट, डीके सिंह, संतोष श्रीवास्तव, सुशीला कनौजिया, गीता पांडे, माया कुशवाहा, उमा दाहिया, अर्जुन कुमार, जीएस सोनकर, हर जीवन विश्वकर्मा मौजूद थे।