जबलपुर

एमपी हाईकोर्ट का फैसला, चीन से MBBS करने वाले छात्र दे सकेंगे प्रीपीजी

MP High Court: चीन से एमबीबीएस करने वाले छात्रों को प्रीपीजी में बैठने की अनुमति देते हुए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

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May 03, 2025

MP High Court: चीन से एमबीबीएस(MBBS) करने वाले छात्रों को प्रीपीजी में बैठने की अनुमति देते हुए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिका में छात्रों ने बीच सत्र में इंटर्नशिप अवधि बढ़ाने को चुनौती दी है।

ये है मामला

विदिशा निवासी डॉ. सौरभ रघुवंशी व उज्जैन निवासी डॉ. जय शर्मा सहित आठ डाक्टरों ने याचिका दायर कोर्ट को बताया कि उन्होंने वर्ष 2017 में चीन में एमबीबीएस कोर्स में दाखिला लिया था। कोरोना के कारण 2019 में लौटना पड़ा। उन्होंने एमबीबीएस की पढ़ाई ऑनलाइन की थी। विदेश से एमबीबीएस करने वालों को मध्यप्रदेश में रजिस्ट्रेशन के लिए कोरोना काल में इंटर्नशिप का समय बढ़ाकर एक से दो साल कर दिया था। दो साल की इंटर्नशिप 31 मार्च, 2025 को पूरी होनी थी। इससे पहले नवंबर 2024 में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने युद्ध के कारण यूक्रेन तथा फिलीपींस से एमबीबीएस करने वाले छात्रों के लिए तीन साल की इंटर्नशिप तय कर दी थी।

अंतिम तारीख सात मई

मध्यप्रदेश मेडिकल काउंसिल ने विदेश से एमबीबीएस करने वाले सभी छात्रों पर इसे लागू कर दिया। मप्र में प्रीपीजी एग्जाम जून व जुलाई में हैं। फॉर्म भरने की अंतिम तारीख सात मई है। इंटर्नशिप की अवधि एक वर्ष बढ़ाने के कारण वे परीक्षा में शामिल होने से वंचित हो जाएंगे। तर्क सुनने के बाद कोर्ट ने एमपी मेडिकल काउंसिल को याचिकाकर्ता छात्रों को ऑनलाइन फॉर्म भरने की अनुमति देने के आदेश जारी कर अवेदकों से जवाब मांगा है।

Published on:
03 May 2025 09:09 am
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