संस्कारधानी व आसपास में ऐसे कई प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हैं, जो नए साल के जश्न के लिए श्रद्धालुओं की पसंद बन रहे हैं।
New Year 2025 : लोग अब नए साल का जश्न मनाने के लिए धार्मिक स्थलों की ओर रुख कर रहे हैं। जानकारों के अनुसार अधिकतर लोग आध्यात्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा के साथ नए साल की शुरुआत करना चाहते हैं। संस्कारधानी व आसपास में ऐसे कई प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हैं, जो नए साल के जश्न के लिए श्रद्धालुओं की पसंद बन रहे हैं। नव वर्ष पर लोग बड़ी संया में इन स्थलों पर पहुंचेंगे। बाहर के पर्यटक भी पहुंचेंगे। लोग सहित पूजन व पिकनिक के लिए प्लानिंग कर रहे हैं।
गौरीघाट, जिलहरीघाट, लहेटाघाट, तिलवाराघाट में नववर्ष पर नर्मदाभक्तों का मेला सा लगेगा। गढ़ा निवासी आशीष साहा का कहना है कि वे हर साल नववर्ष की सुबह नर्मदा दर्शन प पूजन करते हैं। इस साल भी गौरीघाट जाएंगे। लहेटा के त्रिशूल भेद व शनिकुंड में भी भक्तों की बड़ी संया पहुंचेगी। लालमाटी के श्याम ठाकुर ने बताया कि वे हर वर्ष नववर्ष पर पूजन करने त्रिशूल भेद जाते हैं।
नए साल के पहले दिन के लिए भेड़ाघाट लोगों की पहली पसंद हमेशा से बना है। स्थानीय के अलावा दूर-दराज से लोग धुआंधार और पंचवटी में मार्बल की खूबसूरती को निहारने पहुंचेंगे। नाव की सवारी के साथ धुआंधार की खूबसूरती का लुत्फ उठाएंगे। चौंसठ योगिनी व तेवर स्थित त्रिपुर सुंदरी माता के मंदिर में जनसैलाब उमड़ेगा। मदनमहल निवासी अभिषेक गुप्ता ने बताया कि वे नर्मदा तट भेड़ाघाट स्थित चौंसठ योगिनी व तेवर के त्रिपुरी मंदिर में पूजन कर नए साल का स्वागत करेंगे।
लहेटाघाट, चौंसठ योगिनी, तेवर, कचनार सिटी, मझौली, गौरीघाट, भंवरताल में बड़ी संया में श्रद्धालु पहुंचेंगे। इसके अलावा ओशो के अनुयायी भंवरताल पार्क, शैलपर्ण उद्यान में भी नव वर्ष का जश्न मनाएंगे। ओशो के अनुयायी आनन्द स्वामी का कहना है कि वे गुरु की साधनास्थली को नमन कर नए वर्ष की शुरुआत करते हैं। धार्मिक महत्व के स्थल पाटबाबा, कचनार सिटी, सिद्धबाबा में भी लोगों की अच्छी खासी भीड़ उमड़ेगी। कांचघर के जितेंद्र वर्मा ने बताया कि वे हर वर्ष की तरह इस बार भी नए वर्ष में पाट बाबा का पूजन करेंगे।