PM Modi के Birthday पर जबलपुर में 'मां' के नाम से बनाया 'नमो उपवन'. पूरे देश में बना चर्चा का विषय
PM Modi Birthday Live Updates : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिवस पर मंगलवार 17 सितंबर से प्रारंभ हुए सेवा पखवाडा अभियान के अंतर्गत जबलपुर जिले ने नवाचार के तौर पर मियावाकी पद्धति से नमो उपवन के विकास की शुरूआत कर प्रदेश भर में अनूठा और अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। इस नवाचार के तहत मां नर्मदा के किनारे बसे जनपद पंचायत जबलपुर के ग्राम पंचायत सगडा झपनी में मियावाकी पद्धति से कुल 6 हजार 990 पौधो का पौधारोपण किया जाकर 'नमो उपवन' का निर्माण किया गया है।
नर्मदा परिक्रमा पथ पर परिक्रमा वासियों के आश्रय स्थल के लिये चिन्हित भूमि में से करीब 26 हजार वर्गफुट पर विकसित किये जा रहे नमो उपवन में आज सेवा पखवाड़ा के पहले दिन पौधारोपण का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में विधायक नीरज सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष आशा मुकेश गोटिया, उपाध्यक्ष विवेक पटेल, जनपद पंचायत जबलपुर के अध्यक्ष चंद्र किरण गिरी, कलेक्टर राघवेन्द्र सिंह, जिला पंचायत के सीईओ अभिषेक गेहलोत तथा स्थानीय जनप्रतिनिधियों सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन शामिल हुये।
PM Modi के Birthday पर जबलपुर में 'मां' के नाम से बनाया 'नमो उपवन'
मियावाकी पद्धति एक वैज्ञानिक पौधारोपण तकनीक है, जिसे जापान के प्रसिद्ध वनस्पति वैज्ञानिक डॉ. अकीरा मियावाकी ने विकसित किया। इस पद्धति का उद्देश्य प्राकृतिक वनों की तरह घने, आत्मनिर्भर और जैव विविधता से परिपूर्ण जंगल तैयार करना है। इस पद्धति में भूमि की गहरी खुदाई कर उसमें जैविक खाद, गोबर खाद और कम्पोस्ट मिलाया जाता है। फिर 3 पौधे प्रति वर्ग मीटर की घनत्व से विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाए जाते हैं। नियमित सिंचाई, मल्चिंग और रखरखाव के कारण 2-3 वर्षों में पौधे पूरी तरह विकसित होकर घना जंगल तैयार कर देते हैं।
ग्राम सगड़ा झपनी में नमो उपवन का निर्माण नर्मदा परिक्रमावासी के आश्रय के लिये चिन्हित आश्रय स्थल के पास पहाड़ी पर बनाया जा रहा है। कुल सात एकड़ के इस पूरे क्षेत्र में तार फेंसिंग कर दी गई है। इसमें से 26 हजार वर्ग फीट में मियाबाँकी तकनीक से कुल 6 हजार 990 पौधे रोपे किये जा रहे है। इन पौधों में सीताफल, नीम, जामुन, आम, अर्जुन, गुलमोहर, इमली, कदम, गुलर, शीशम प्रजाति के 2 हजार 330 पौधे, कचनार, झारूल, करंजी, आवंला, मौलश्री, अमलतास, कनेर (पीला), टीकोमा, बाटलब्रश, बेल प्रजाति के 2 हजार 330 पौधे तथा चांदनी, चमेली, मधुकामनी, कनेर (लाल), मोगरा, मेंहदी, गंधराज, मधुमालती, कलिंद्रा, देसीरोज प्रजाति के भी 2 हजार 330 पौधे और कुल 6 हजार 990 पौधे मियाबाँकी पद्धति से रोपित किये जा रहे हैं।
पहाड़ी पर ढलान और कठोर चट्टानों वाली इस भूमि पर विशेष प्रयास करते हुये सहायक यंत्री रामराज दांगी, संबंधित सरपंच, सचिव एवं रोजगार सहायक द्वारा चुनौतियां का सामना करते हुये पौधा रोपण हेतु गड्डे कराये गये। पौधा रोपण में स्थानीय स्तर पर निर्मित किये गये जीवामृत का उपयोग किया जा रहा है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला अभिषेक गेहलोत के मार्गदर्शन में नमो उपवन की कार्ययोजना को अमल में लाने में जनपद पंचायत जबलपुर की टीम का सराहनीय योगदान है।
भविष्य में यहां पर नर्मदा परिक्रमावासियो के लिये आश्रय स्थल का निर्माण किया जायेगा जो कि संपूर्ण सुविधायुक्त होगी। जिससे कि नमो उपवन का लाभ नर्मदा परिक्रमावासी के साथ-साथ जिले के समस्त नागरिकों को पर्यटन के रूप में लाभ मिल सके। भविष्य में इस स्थान पर आजीविका मिशन से 'होम स्टे', गौशाला आदि भी विकसित किये जायेगे।