road accident : अनुमति और वाहन देना बीमा पॉलिसी का मूलभूत उल्लंघन
road accident : जब भी अपने बच्चों को बाइक या कार चलाने को दें तो अपनी जेब में अच्छी खासी रकम पहले रख लेना। क्योंकि बच्चे से कोई भी घटना दुर्घटना होती है तो कंपनी बीमा की रकम नहीं देगी, क्योंकि नाबालिग के पास लाइसेंस नहीं होना सबसे बड़ी वजह भी है। हाई कोर्ट ने ऐसे ही मामले में वाहन मालिक को मुआवजा स्वयं देने का फैसला सुनाया है. उक्त मामले में नाबालिग भाई गाड़ी चला रहा था जिससे उसने एक व्यक्ति को ठोक दिया था। जिसका क्लेम कंपनी ने देने से इनकार कर दिया। मामला पुराना है लेकिन बात आज भी यही लागू होती है।
हाईकोर्ट ने माना है कि किसी मालिक द्वारा लापरवाही से किसी नाबालिग को वैध ड्राइविंग लाइसेंस के बिना मोटर वाहन चलाने की अनुमति और वाहन देना बीमा पॉलिसी का मूलभूत उल्लंघन है। जस्टिस हिमांशु जोशी की एकलपीठ ने बीमा कंपनी द्वारा दायर अपील स्वीकारते हुए अतिरिक्त मोटर दुर्घटना न्यायाधिकरण के मुआवजा भुगतान को लेकर दिए गए आदेश को निरस्त कर दिया। मुआवजे की रकम वाहन मालिक को अदा करनी होगी।
नाबालिग के भाई की दलील को खारिज कर दिया गया। जिसमें वाहन का बीमा होने का दावा किया गया था और कहा था कि कंपनी को मुआवजा देना चाहिए। एकलपीठ ने पर जोर दिया कि यह सुनिश्चित करना बड़ों का कर्तव्य है कि नाबालिगों को उन रास्तों पर जाने से रोका जाए जो अभी उनकी उम्र के लिए उपयुक्त नहीं, विशेष रूप से वाहन चलाने में परिपक्वता और वैध अनुमति दोनों की जरूरत होती है। इसी के साथ कोर्ट ने दलील खारिज कर दी।
करीब २१ साल पहले जबलपुर के एक व्यक्ति को वाहन ने टक्कर मार दी थी। टक्कर मारने वाला नाबालिग था। उसके पास वैध लाइसेंस नहीं था। हादसे से घायल को कई दिन तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा। बाद में दावा दायर किया। न्यायाधिकरण ने बीमा कंपनी को 76 हजार रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया। इसके खिलाफ संबंाित बीमा कंपनी ने हाईकोर्ट में अपील दायर की