खुलासा : इंजीनियरिंग से स्टूडेंट्स का मोह भंग, कॉलेजों को नहीं मिल रहे विद्यार्थी
engineering courses : कभी इंजीनियर बनने का सपना युवाओं के कॅरियर की पहली पसंद होता था। वे लाखों रुपए खर्च कर अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला पाने के लिए तैयार रहते थे। लेकिन, आज परिदृश्य बदल गया है। अब युवा न तो इस क्षेत्र में उतनी दिलचस्पी दिखा रहे हैं और न ही एडमिशन के लिए भागदौड़ कर रहे हैं। कॉलेजों में अपेक्षित प्रवेश नहीं होने और खाली सीटों को भरने के लिए तकनीकी शिक्षा विभाग ने काउंसलिंग को 15 अगस्त तक बढ़ा दिया है।
तकनीकी शिक्षा विभाग के आंकउ़ों के अनुसार प्रदेश स्तर पर इंजीनियरिंग की 74 हजार 722 सीटों पर प्रवेश के लिए 60 हजार 297 छात्रों ने पंजीयन कराया, लेकिन 41,707 छात्रों ने ही प्रवेश लिया। ऐसी ही स्थिति जिले में है। अभी तक 55 फीसदी सीटों पर छात्रों ने प्रवेश लिया है। बड़ी संया में सीट खाली हैं।
एक्सपर्ट एवं जीजीआइटी के डायरेक्टर डॉं. पंकज गोयल के अनुसार एक्सट्रा रांउड की काउंसलिंग का निर्णय लिया गया है इसका शेड्यूल भी जारी कर दिया गया है। छात्रों ने कप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, सायबर सिक्योरिटी, रोबोटिक्स एंड एआइ, मशीन लर्निंग, आइटी ब्रांच में ज्यादा रुचि दिखाई। इसलिए पुराने पारंपरिक विषयों में बड़ी संख्या में सीटें खाली हैं।
ताजा आंकड़ों के अनुसार जिले के इंजीनियरिंग कॉलेजों में 12 हजार सीटों में से सात हजार सीटों पर भी प्रवेश हुए हैं। पांच हजार से अधिक सीटें अब भी खाली हैं। तकनीकी शिक्षा विभाग ने प्रवेश की समय सीमा बढ़ाकर 15 सितंबर कर दिया है। इस दौरान सीएलसी (कॉलेज लेवल काउंसलिंग) के चार चरण होंगे। विभाग को उमीद है कि इन राउंड्स में कुछ सीटें भर सकेंगी और कॉलेजों का दबाव कम होगा।