Bastar Rose Farms: किसान खेत से प्रतिदिन लगभग 4 से 5 हजार गुलाब के फूल तैयार होते हैं जिन्हें वह मांग के अनुसार विभिन्न शहरों में भेजते हैं। इस फसल में उन्हें प्रतिदिन 20 से 25 हजार रूपए की कमाई हो रही है।
Bastar Rose Farms: पिछले 6 दशकों से बस्तर नक्सलवाद और बारूद की आवाज के लिए जाना जाता था, लेकिन अब इसकी पहचान बदल रही है। यहां के किसान अब व्यवसायिक खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं। बकावंड ब्लॉक के ग्राम दशापुर में एक किसान ने बता दिया है कि व्यावसायिक स्तर पर गुलाब की खेती कर खूब मुनाफा कमाया जा सकता है।
गुलाब फूलों की खेती से उन्हें लागत के अनुरूप अच्छा मुनाफा हो रहा है। इस खेती से किसान के साथ ही गांव के कई युवक युवतियों को भी रोजगार मिल रहा है। आज यह किसान प्रति दिन 4 से 5 हजार गुलाब की कली बस्तर से बाहर भेज कर प्रति माह लाखों रूपए की आमदनी कमा रहा है।
किसान के मुताबिक उनके खेत से प्रतिदिन लगभग 4 से 5 हजार गुलाब के फूल तैयार होते हैं जिन्हें वह मांग के अनुसार विभिन्न शहरों में भेजते हैं। इस फसल में उन्हें प्रतिदिन 20 से 25 हजार रूपए की कमाई हो रही है। इस खेती के माध्यम से गांव के लगभग 25 युवतियों को (Bastar Rose Farms) रोजगार भी मिला है जिससे यहां की महिलाएं भी आर्थिक रूप से संपन्न हो रहे हैं। आज इस खेती के माध्यम से ग्राम दशापाल की तस्वीर बदलती दिखाई दे रही है।
किसान रतन कश्यप के मुताबिक गुलाब की खेती की शुरूआत छह महीने पूर्व की थी। इसके लिए दो एकड़ जमीन में लगभग 70 हजार गुलाब के पौधे लगाए हैं। इसके लिए वह बैंक से 94 लाख का लोन भी लिया और कुल 1 करोड़ 17 लाख रूपए की लागत से गुलाब के फूलों की खेती की शुरूआत की। इस लोन (Bastar Rose Farms) में सरकार ने उन्हें 56 लाख रूपए का सब्सिडी मिली। बताया जा रहा है कि आज गुलाब की खेती से इस इलाके का सबसे समृद्ध किसान बन गया है और प्रति माह 5 से 6 लाख रूपए का गुलाब प्रदेश सहित अन्य राज्यों में विक्रय कर रहे हैं।
बस्तर के किसान इन दिनों व्यवसायिक खेती को अपना रहे हैं। सब्जियों, फलों और फूलों के अलावा पशु पालन में भी रूचि दिखा रहे हैं। यही वजह है कि अब बस्तर कई किसान तरह तरह की खेती कर रहे हैं। जिले के अलग अलग इलाके में लगभग 25 से 30 किसान गुलाब की खेती कर अच्छी कमाई कर रहे हैं। इस खेती से स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार मिल रहा है और किसान के साथ साथ ग्रामीणों को भी गांव में ही काम मिल रहा है।
रतन कश्यप ने बताया कि उनके खेत से गुलाब की महक अब छग के अलावा अन्य राज्यों जैसे ओडिशा, आंध्र, तेलंगाना और महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्यों में पहुंच रही है। गुलाब की अच्छी क्वालिटी के चलते यह गुलाब की मांग कटक, पूरी, विशाखापट्टनम, हैदराबाद, रायपुर और नागपुर में अधिक मांग है।