CG Naxal News: इस स्कूल का संचालन नक्सलियों की सुरक्षा में किया जाता था। इस स्कूल में बच्चों के परिजन सहित अन्य किसी भी ग्रामीण के आवाजाही पर पूरी तरह पाबंदी थी।
CG Naxal News: अबुझमाड़ इलाके में नक्सली अपने स्कूलों का संचालन करते है। इसका खुलासा समय-समय पर मुठभेड़ में मिले दस्तावेजों से होता था, लेकिन इस बार नक्सली स्कूल में प्रशिक्षण ले चुके बच्चे ने पूरी आपबीती बताते हुए इसका खुलासा किया है। नक्सली बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर उनके जेहन में नक्सली विचारधारा भरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है। इसमें बच्चों को स्कूल में वामपंथ पाठ पढ़ाकर लाल आतंक में माया जाल में धकेल कर अपने संगठन का विस्तार करने में लगे हुए है।
जानकारी के अनुसार नक्सली दंश का शिकार होने के बाद जिला मुख्यालय में शरण लिए पीड़ित परिवार के बच्चे ने अहम खुलासा किया है। इस स्कूल में बच्चों को पीटी सहित नक्सली (Chhattisgarh Naxal) पाठ पढ़ाने के लिए नक्सलियों ने बकायदा शिक्षक की नियुक्ति कर दी थी। इससे शिक्षक सिर्फ बच्चों को नक्सली पाठ पढ़ाने के साथ पीटी करवाने का कार्य करते थे। इस तरह प्रतिदिन बच्चों के जेहन में नक्सली विचारधारा से प्रेरित करने का कार्य स्कूल में किया जाता था।
इस तरह 14 वर्षीय बालक ने करीब 2 साल तक नक्सलियों की पाठशाला में प्रशिक्षण ले रहा था। इस स्कूल में बच्चों के खाने-पीने सहित रहने की पूरी व्यवस्था की गई थी। इस स्कूल का संचालन नक्सलियों की सुरक्षा में किया जाता था। इस स्कूल में बच्चों के परिजन सहित अन्य किसी भी ग्रामीण के आवाजाही पर पूरी तरह पाबंदी थी। इस 14 वर्षीय बालक सहित अन्य बालकों को नक्सली पाठशाला में अपने संगठन की विचारधारा का पाठ पढ़ाया जाता था।
इससे नौनिहाल नक्सली पाठशाला में अपना भविष्य गढ़ने में लगे हुए थे। नक्सली आवासीय शिक्षा प्रदान करते हुए अपने लिए संगठन का विस्तार करने में लगे हुए थे। लेकिन मार्च माह में अचानक नक्सली स्कूल (Chhattisgarh Naxal) में कांकेर जिले के पुलिस ने धावा बोल दिया था। इस दौरान पुलिस ने नक्सली स्कूल में बच्चों को प्रशिक्षण देने वाले शिक्षक को पकड़कर अपने साथ ले गई थी। इसके बाद सभी बच्चे अपने-अपने गांव भाग गए।
जिला मुख्यालय में शरण लिए नक्सली पीड़ित परिवार के 14 वर्षीय बालक ने बताया कि छोटे बच्चों को स्कूल में पीटी करने के साथ पढ़ाई करवाई जाती थी, लेकिन बड़े बच्चों को अलग स्कूल में बंदूक चलाने सहित जंगल टेक्टिस का प्रशिक्षण दिया जाता था। इसमें बड़े बच्चों को सुबह जंगल टेक्टिस में आर्मी जैसा प्रशिक्षण देकर अपने लिए लाल लड़ाके तैयार करने का कार्य किया जा रहा था।
इसमें बड़े बच्चों को सभी प्रकार के हथियार चलाने के साथ ही सुरक्षा बल हमले से बचने के गुर सिखाए जा रहे थे। इससे नक्सली संगठन (Chhattisgarh Naxal) बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर्तव्य हुए अपने लिए लाल लड़ाके तैयार करने में कोई कसर नही छोड़ रहे थे। इस स्कूल में बड़े बच्चों को जंगल टेक्टिस का प्रशिक्षण देने के बाद अपने संगठन में शामिल कर लेते है।
इस 14 वर्षीय बालक ने बताया कि गांव के स्कूल में कक्षा दूसरी पढ़ने के दौरान गांव में नक्सलियों ने दस्तक देकर उसको अपने साथ ले गए थे। जहां पर कांकेर जिले सीमावर्ती इलाके के जंगल मे नक्सली स्कूल का संचालन करते थे। इस स्कूल में 14 वर्षीय बालक को नक्सलियों (Chhattisgarh Naxal) ने जबरन अपने स्कूल में भर्ती कर दिया था। इस स्कूल में आसपास गांव के करीब 30 बच्चे पढ़ाई कर रहे थे। जहां पर सभी बच्चों को पीटी करवाई जाती थी। पीटी के बाद बच्चों को नाश्ता करवाया जाता था। नास्ते के बाद पुस्तक में वामपंथ का पाठ पढ़ाते हुए उनके जेहन में नक्सली विचारधारा भारी जाती थी।