CG News: ईस्ट कोस्ट रेलवे ने दावा किया है कि उसके राजस्व सृजन में भी वृद्धि देखी है। जिसने 20,288.041 करोड़ कमाए, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 1.28 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
CG News: बस्तर का सीना चीरने के बाद इसकी माल ढुलाई से ही रेलवे ने करोड़ों रुपए कमाकर कीर्तिमान रच दिया है, लेकिन दूसरी तरफ कोरोनाकाल के पहले बंद पड़ी दुर्ग-जगदलपुर एक्सप्रेस की शुरूआत नहीं हो पाई है और न हीं रावघाट जगदलपुर रेल लाइन का काम आगे बढ़ा है। ऐसे में रेलवे की करोड़ों की कमाई बस्तरवासियों को एक तरह से चिढ़ाती हुई नजर आती है।
यह स्थिति तब है जब कोयला के बाद सबसे ज्यादा परिवहन बस्तर से ही कच्चे लोहे के रूप में होता है। इधर ईस्ट कोस्ट रेलवे का कहना है कि उन्होंने वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान 290 दिनों में 200.13 मिलियन टन की अभूतपूर्व माल लदान की उपलब्धि हासिल करके सभी पिछले रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यह उपलब्धि भारतीय रेलवे के इतिहास में किसी भी जोन द्वारा अब तक की सबसे अधिक माल लदान को दर्शाती है, जो माल परिवहन और परिचालन उत्कृष्टता में ईसीओआर के नेतृत्व को मजबूत करती है।
कोयला 119.637 एमटी
स्टील प्लांट के लिए कच्चा माल 7.67 एमटी
पिग आयरन और तैयार स्टील 15.991 एमटी
लौह अयस्क 24.426 एमटी
सीमेंट 0.88 एमटी
खाद्यान्न 2.226 एमटी
उर्वरक 5.477 एमटी
खनिज तेल 2.317
कंटेनरों में माल ढुलाई 4.372
अन्य सामान 17.159 एमटी
2019-20 366 दिन
2020-21 360 दिन
2021-22 320 दिन
2022-23 310 दिन
2023-24 290 दिन
बस्तर के साथ लंबे वक्त से सौतेला व्यवहार हो रहा है। एक ओर बस्तर से लगे ओडिशा में लगातार सुविधाओं का इजाफा हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर बस्तर का सिर्फ दोहन हो रहा है। बस्तर की मांगों को रेलवे हमेशा से अनसुना करता रहा है।
CG News: ईस्ट कोस्ट रेलवे ने दावा किया है कि उसके राजस्व सृजन में भी वृद्धि देखी है। जिसने 20,288.041 करोड़ कमाए, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 1.28 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। 290 दिनों के भीतर 200 मिलियन टन की उपलब्धि ईस्ट कोस्ट रेलवे की सावधानीपूर्वक योजना, उद्योगों और सरकारी संस्थाओं के साथ उत्कृष्ट समन्वय और इसके कर्मचारियों के अथक प्रयासों का प्रत्यक्ष परिणाम है।
महाप्रबंधक श्री परमेश्वर फुंकवाल के गतिशील नेतृत्व में, ईसीओआर ने दक्षता, सकारात्मक सोच और रणनीतिक दूरदर्शिता की संस्कृति को अपनाया है, जिससे यह भारतीय रेलवे नेटवर्क के भीतर उत्कृष्टता का एक मॉडल बन गया है।