Chhattisgarh Naxal Surrender: दो दिन पहले महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में नक्सलियों के सरेंडर का ऐसा मंच सजा जिसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है। अब इससे भी बड़ा सरेंडर इवेंट बस्तर के संभागीय मुख्यालय जगदलपुर में होने जा रहा है।
Chhattisgarh Naxal Surrender: दो दिन पहले महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में नक्सलियों के सरेंडर का ऐसा मंच सजा जिसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है। अब इससे भी बड़ा सरेंडर इवेंट बस्तर के संभागीय मुख्यालय जगदलपुर में होने जा रहा है। यहां शुक्रवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सामने टॉप नक्सल लीडर रूपेश समेत 200 नक्सली सरेंडर करेंगे।
15 तारीख को कांकेर के भानुप्रतापपुर में 50 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। वे भी जगदलपुर में सीएम के सामने हथियार डाल सकते हैं। इस बीच गुरुवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक्स पर एक पोस्ट करते हुए बड़ी घोषणा की और कहा कि बस्तर का अबूझमाड़ और उत्तर बस्तर इलाका अब नक्सल मुक्त हो चुका है।
उन्होंने कहा कि या तो नक्सली हथियार डाल चुके हैं या मारे गए हैं। उन्होंने कहा कि अभी बीजापुर, सुकमा और नारायणपुर में थोड़ा प्रभाव है वह भी मार्च 2026 से पहले खत्म हो जाएगा।
शुक्रवार को सरेंडर करने जा रहे नक्सली गुरुवार सुबह अबूझमाड़ से पैदल निकले और दोपहर तक बीजापुर पहुंचे। सभी पैदल चलकर इंद्रावती नेशनल पार्क के रास्ते बीजापुर के भैरमगढ़ पहुंचे। सभी को शुक्रवार सुबह तक जगदलपुर लाया जाएगा। यहां मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के सामने सभी हथियार डालेंगे। महाराष्ट्र से बड़ा सरेंडर दिखाने के लिए सरकार पूरी ताकत लगाती दिख रही है।
नक्सलियों की अघोषित राजधानी और सबसे सुरक्षित बेस रहे अबूझमाड़ में करीब 3000 हजार नक्सली हमेशा रहा करते थे। 4400 वर्ग किमी में फैले अबूझमाड़ के हर इलाके में नक्सलियों का प्रभाव था। यहां से लगभग सभी नक्सली हिंसा के रास्ते से दूर हो चुके हैं। अमित शाह के दावे के अनुरूप उत्तर बस्तर यानी कांकेर क्षेत्र में सक्रिय 1000 जवानों ने भी हिंसा छोड़ दी है।
अबूझमाड़ नक्सलियों की अघोषित राजधानी थी। नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी मेंबर का सेफ बेस था जो पिछले 20 महीने में पूरी तरह से तबाह हो चुका है। नक्सली माड़ लेकर उत्तर बस्तर डिविजन तक बिखर चुके हैं। इन इलाकों के नक्सलियों ने बड़े पैमाने पर सरेंडर किए हैं। शुक्रवार को जगदलपुर में होने जा रहे सबसे बड़े सरेंडर में भी इन्हीं दोनों इलाके के नक्सली सीएम के सामने हथियार डालेंगे। अब तक 1876 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। इसमें सबसा बड़ा सरेंडर भूपति उर्फ सोनू दादा का है।
सोनू दादा ने ही पिछले महीने सितंबर में सबसे पहले सरकार से हर शर्त के साथ वार्ता की पेशकश की थी। उसकी इस पेशकश को नक्सल संगठन ने व्यक्तिगत बयान करार दे दिया था। सोनू संगठन में पोलित ब्यूरो मेंबर था। सूत्र बताते हैं कि उसके शांतिवार्ता की पेशकश के बाद केंद्रीय नक्सल डेस्क सक्रिय हुआ और इंटेल को एक्टिव किया गया। भूपति ने तय किया कि वह महाराष्ट्र में सीएम फणनवीस के साथ सरेंडर करेगा।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा, उत्तर बस्तर और अबूझमाड़ का नक्सलमुक्त होना यह प्रमाण है कि अब बस्तर भय नहीं, बल्कि विश्वास और विकास की नई पहचान बन चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में देश आज नक्सलवाद के अंत की दहलीज़ पर खड़ा है। मुख्यमंत्री ने सभी नक्सलियों से अपील करते हुए कहा, हिंसा की राह अंतहीन पीड़ा देती है, जबकि आत्मसमर्पण जीवन को एक नई दिशा देते हुए एक नई शुरुआत का रास्ता खोलता है।
अपनी मातृभूमि के भविष्य और अपने परिवारों के उज्जवल कल के लिए हथियार त्यागें और विकास की रोशनी में कदम रखें। बीते 22 महीनों में 477 नक्सली मारे गए, 2110 ने सरेंडर और 1785 गिरफ्तार हुए है। यह आंकड़े राज्य को नक्सलमुक्त बनाने के अडिग संकल्प के साक्षी हैं।
बड़ी संख्या में नक्सली सरेंडर करने को तैयार हैं। हम नक्सलियों का रेड कार्पेट बिछाकर स्वागत करेंगे. जगदलपुर में ऑफिसियल सरेंडर अनाउंस होंगे। शुक्रवार को सीएम साय के सामने नक्सली सरेंडर करेंगे। - विजय शर्मा, गृहमंत्री
पिछले 20 महीनों में 1876 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। मुख्यधारा से जुड़ कर सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ ले रहे हैं। हमें पूर्ण विश्वास है कि आने वाले समय में और भी नक्सली इस सकारात्मक रास्ते को अपनाएंगे। - सुंदरराज पी, आईजी बस्तर