CG News: जगदलपुर-गीदम एनएच बुधवार को भी बाधित रहा। जिलों में बाढ़ प्रभावित अब राहत केंद्रों से अपने गांवों की ओर लौट रहे हैं, लेकिन गांवों में पानी उतरने के बाद का मंजर लोगों का दुख और बढ़ा रहा है।
CG News: बस्तर में सोमवार से मंगलवार तक हुई बारिश की वजह से हर तरफ तबाही का मंजर है। मौसम विज्ञान केंद्र ने बस्तर के लिए तीन दिन बाद ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस बीच अब हालात सामान्य हो रहे हैं। नदी-नालों का पानी गांवों और सडक़ों पर चढ़ गया था जो अब उतर रहा है लेकिन प्रभावितों का दर्द अब भी बरकरार है। ऐसा इसलिए क्योंकि बस्तर में बाढ़ से प्रभावित प्रमुख चार जिले बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा में 1000 करोड़ तक के नुकसान का आंकलन किया गया है। सभी जिलों में पुल-पुलिया के बहने की घटना सामने आई है।
जगदलपुर-गीदम एनएच बुधवार को भी बाधित रहा। जिलों में बाढ़ प्रभावित अब राहत केंद्रों से अपने गांवों की ओर लौट रहे हैं, लेकिन गांवों में पानी उतरने के बाद का मंजर लोगों का दुख और बढ़ा रहा है। लोगों की सालों की जमा-पूंजी बाढ़ में बह चुकी है। कई गांवों में दर्जनभर से ज्यादा घर बाढ़ में बह चुके हैं। बस्तर जिले के 11 गांव पूरी तरह से बाढ़ की गिरफ्त में थे। जहां अब हालात सामान्य है।
मंगलवार तक 448 लोग राहत शिविरों में थे। अब 7 केंद्रों में 148 लोग ही बचे हुए हैं। बस्तर जिले के 141 मकान आंशिक रूप से प्रभावित हुए हैं। वहीं 19 मकान पूरी तरह से टूट चुके हैं। बारिश की रफ्तार धीमी होने के बीच बुधवार को मौसम विज्ञान केंद्र ने बस्तर के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया। इससे पहले लगातार तीन दिन तक बस्तर के लिए रेड अलर्ट जारी किया जा रहा था।
सुकमा और बीजापुर जिले में नदी और नालों के करीब स्थापित सुरक्षा बलों के कैंप में पानी दाखिल हो गया। इस वजह से जवानों को रात में ही कैंप को छोडक़र सुरक्षित स्थान पर जाना पड़ा। बस्तर में इस वक्त सुरक्षा बलों के जवान बाढ़ आपदा से बचाव के काम में लगे हुए हैं। दूसरी ओर उनके रहने की जगह भी बाढ़ की चपेट में आने से उनकी परेशानी और ज्यादा बढ़ गई है।
प्रभावितों को राहत पहुंचाने के सीएम ने दिए निर्देश
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जापान से लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों जायजा ले रहे हैं। उनके निर्देश पर 4 जिलों में 43 शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें दंतेवाड़ा जिले से 1,116, सुकमा से 790, बीजापुर से 120 और बस्तर से 170 प्रभावितों को ठहराया गया है। बाढ़ से अब तक 5 जनहानि, 17 पशुधन हानि, 165 मकानों को आंशिक और 86 मकानों को पूर्ण क्षति की सूचना मिली है। नगर सेना एवं एसडीआरएफ द्वारा बचाव कार्य किया जा रहा है।
एवं राहत शिविर में ठहराए गए लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग जिलों से बाढ़ की स्थिति को देखते हुए सतत संपर्क बनाए हुए हैं।