CG Lok Sabha Election 2024: पार्टी में इस तरह का सिस्टम तैयार हो चुका है कि कोई भी नेता जिसे पार्टी ने चुनाव प्रचार अभियान का हिस्सा बनाया है वह अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकता।
Lok Sabha Chuunav 2024: आकाश मिश्रा @ मौजूदा लोकसभा चुनाव में भाजपा हाईटेक तकनीक का इस्तेमाल कर रही है। पार्टी अपने नेताओं के काम को जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) से ट्रैक कर रही है। कौन, कहां, क्या कर रहा है इसकी जानकारी हर दिन पार्टी के ऐप के जरिए दिल्ली तक पहुंच रही है। मुख्यालय में भी एक टीम बैठी हुई है जो राज्यवार कामों की प्रगति को देखकर आला नेताओं को इसकी रिपोर्ट दे रही है। पार्टी में इस तरह का सिस्टम तैयार हो चुका है कि कोई भी नेता जिसे पार्टी ने चुनाव प्रचार अभियान का हिस्सा बनाया है वह अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकता। भाजपा के ही नेता बताते हैं कि वे दिनभर चुनाव प्रचार करते हैं और शाम को प्रचार का ब्योरा ऐप के जरिए अपलोड करते हैं। अगर किसी गांव में कोई सभा हो रही है तो उसकी तत्काल ऐप के जरिए ही फोटो लेना होता। फोटो जीपीएस के जरिए खींचा जाता है। इससे स्पष्ट हो जाता है कि संबंधित नेता ने फील्ड पर जाकर तस्वीर ली है।
नेताओं को सभाओं का टारगेट
कॉरपोरेट कंपनियों की तरह भाजपा नेताओं को हर दिन सभा और प्रचार से जुड़े टारगेट दिए जा रहे हैं। टारगेट की एंट्री भाजपा के नेता पार्टी के सरल नामक ऐप पर करते हैं। भाजपा देश में इकलौती पार्टी है जो इस तरह के मॉडल पर काम रही है। चुनाव प्रचार के पुरातन तरीके अब पार्टी में गौण होते दिख रहे हैं।
ऐसा सिस्टम कि काम करना ही पड़ रहा
भाजपा के एक नेता बताते हैं कि पार्टी में ऐसा सिस्टम डेवलप हो चुका है कि चाहे कोई मंत्री हो या बूथ का प्रभारी उसे काम करना ही होगा। पीएम मोदी और गृहमंत्री शाह की टीम ने ऐसा मॉड्यूल तैयार किया है जिसमें फिट बैठने वाले नेता ही पार्टी में काम कर पा रहे हैं। पुराने नेता इसी वजह से प्रचार के कामों की जिम्मेदारी सीधे तौर पर नहीं ले रहे हैं।
बेहतर प्रदर्शन करने वालों का ऑनलाइन सम्मान भी
भाजपा के हाईटेक सिस्टम में बेहतर प्रदर्शन करने वाले पदाधिकारियों को जिम्मेदारी पूरी करने पर ऑनलाइन सम्मान किया जाता है। ऐप के माध्यम से ही उत्कृष्ट कार्य करने का सर्टिफिकेट भी प्रदान किया जाता है। इस तरह देखें तो पार्टी ने अपने पदाधिकारियों का प्रोत्साहन करने की भी तैयारी कर रखी है। पार्टी के बीच में ऐसे सिस्टम के बीच इस बात की होड़ भी रहती है कि कौन ज्यादा बेहतर काम करेगा और सम्मान पाएगा।